गौरा के राज दुलारे शिव की आँखों के तारे

भगवान गणेश जी को माता पार्वती और भगवान शिव का अति प्रिय पुत्र माना जाता है। वे केवल प्रथम पूज्य ही नहीं, बल्कि समस्त जगत के संकट हरने वाले भी हैं। गौरा के राज दुलारे शिव की आँखों के तारे भजन में इसी प्रेम और भक्ति को व्यक्त किया गया है, जहां भक्त अपने आराध्य गणपति बप्पा का गुणगान करता है। इस भजन का पाठ करने से मन श्रद्धा और भक्ति से भर उठता है। तो आइए, इस पावन भजन को करें और गणेश जी की कृपा प्राप्त करें।

Gaura Ke Raj Dulare Shiv Ki Ankho Ke Tare

गौरा के राज दुलारे,
शिव की आँखों के तारे,
गुण गाए सारा संसार,
गूंजे है तेरी जय जयकार,
शोभा अति प्यारी तेरी,
मूसे की सवारी तेरी,
सदक़े मैं जाऊँ बलिहार,
गूंजे है तेरी जय जयकार।।

कानों में कुण्डल सोहे,
माथे पर तिलक सिंदूरी,
भगतों के मन की करते,
आशा तुम हरदम पूरी,
शरणागत की सुध लेते,
हर लेते हर मजबूरी,
प्रथमे होती है पूजा,
तुम सा कोई देव ना दूजा,
महिमा तुम्हारी है अपार,
गूंजे है तेरी जय जयकार।।

अदभुत है रूप तुम्हारा,
लीला भी है मनोहारी,
अचरज से देखे तुमको,
जग सारा दुनिया सारी,
गज-आनन लम्बोदर तुम,
संकट-हर्ता उपकारी,
निर्धन को माया देते,
कोड़ी को काया देते,
ख़ुशियाँ हो देते बेशुमार,
गूंजे है तेरी जय जयकार।।

आया मैं ‘साहिल’ जब से,
बप्पा तेरे चरणों में,
जब से रखा है तूने,
सेवक मुझको अपनों में,
खोया खोया रहता हूँ,
अब तेरे ही भजनों में,
रहमत की बारिश कर दी,
ख़ुशियों से झोली भर दी,
मुझको बना के सेवादार,
गूंजे है तेरी जय जयकार।।

गौरा के राज दुलारे,
शिव की आँखों के तारे,
गुण गाए सारा संसार,
गूंजे है तेरी जय जयकार,
शोभा अति प्यारी तेरी,
मूसे की सवारी तेरी,
सदक़े मैं जाऊँ बलिहार,
गूंजे है तेरी जय जयकार।।

भगवान गणेश जी की महिमा अपार है, वे माता गौरा के राज दुलारे और शिव शंकर के नयनों के तारे हैं। उनकी स्तुति करने से जीवन के समस्त विघ्न समाप्त हो जाते हैं और कृपा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गणपति बप्पा की भक्ति को और अधिक अनुभव करने के लिए “गणराज के चरणों में मेरा बार-बार वंदन”, “गजानन आओ पधारो म्हारे आंगणे”, “गौरी गणेश मनाऊं आज सुध लीजे हमारी” जैसे अन्य भक्तिमय भजनों को भी करें और अपने मन को भक्तिरस से सराबोर करें। 🚩🙏

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