गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि शंकर महादेवन

भगवान गणेश जी की स्तुति करना हर शुभ कार्य का प्रथम चरण होता है। गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि शंकर महादेवन एक ऐसा भजन है जो गणपति बप्पा की महिमा का गुणगान करता है और हमें उनकी असीम कृपा का अनुभव कराता है। इस पवित्र स्तुति के माध्यम से हम गणराज का ध्यान करते हैं और उनसे जीवन में मंगलमय आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।

Gannayakay Gandevtay Ganadhykshay Dhimahi Shankar Mahadevan

गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि,
गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि,
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि,
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि,
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि ॥1॥

गानचतुराय गानप्राणाय गानान्तरात्मने,
गानोत्सुकाय गानमत्ताय गानोत्सुकमनसे,
गुरुपूजिताय गुरुदेवताय गुरुकुलस्थायिने,
गुरुविक्रमाय गुह्यप्रवराय गुरवे गुणगुरवे,
गुरुदैत्यगलच्छेत्रे गुरुधर्मसदाराध्याय,
गुरुपुत्रपरित्रात्रे गुरुपाखण्डखण्डकाय,
गीतसाराय गीततत्त्वाय गीतगोत्राय धीमहि,
गूढगुल्फाय गन्धमत्ताय गोजयप्रदाय धीमहि,
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि,
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि,
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि ॥2॥

ग्रन्थगीताय ग्रन्थगेयाय ग्रन्थान्तरात्मने,
गीतलीनाय गीताश्रयाय गीतवाद्यपटवे,
गेयचरिताय गायकवराय गन्धर्वप्रियकृते,
गायकाधीनविग्रहाय गङ्गाजलप्रणयवते,
गौरीस्तनन्धयाय गौरीहृदयनन्दनाय,
गौरभानुसुताय गौरीगणेश्वराय,
गौरीप्रणयाय गौरीप्रवणाय गौरभावाय धीमहि,
गोसहस्राय गोवर्धनाय गोपगोपाय धीमहि,
गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि,
एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि,
गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि ॥3॥

गणेश जी की आराधना जीवन के समस्त विघ्नों को दूर कर हमें सुख-समृद्धि प्रदान करती है। गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि शंकर महादेवन भजन की तरह ही गजानंद वंदन करते हैं श्री गणेश वंदना, गौरी के लाल सुनो कबसे तुझे याद करे, गौरी सूत शंकर लाल विनायक मेरी अरज सुनो और मेरे गणनायक तुम आ जाओ मैं तो कबसे बाट निहार रही जैसे भजन भी भगवान गणेश की महिमा का गुणगान करते हैं। इन भजनों को करें और गणपति बप्पा की कृपा से अपने जीवन को मंगलमय बनाएं।

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