गजानंद दाता करू मैं प्रणाम आरती उतारू में सुबह और शाम

गजानंद दाता करू मैं प्रणाम, आरती उतारू में सुबह और शाम – यह भजन भगवान गणेश जी की असीम महिमा और कृपा का वर्णन करता है। जब भी हम अपने प्रिय विघ्नहर्ता के चरणों में नतमस्तक होते हैं और उनकी आरती गाते हैं, तो हमारा मन भक्तिरस से सराबोर हो जाता है। सुबह-शाम उनकी आराधना करने से जीवन में शुभता, समृद्धि और शांति का संचार होता है। आइए, इस भजन के माध्यम से गणेश जी की स्तुति करें और उनके दिव्य आशीर्वाद को प्राप्त करें।

Gajanand Data Karu Main Pranam Aarti Utaru Men Subah Aur Sham

गजानंद दाता करू मैं प्रणाम,
आरती उतारू में सुबह और शाम।1।

चार भुजाधारी ओर मूसक सवारी,
चंदन तिलक लगाऊँ महाराज,
आरती उतारू में सुबह और शाम।2।

मोदक लाडू देवा पूजा है तुम्हारी,
रुचिरुचि भोग लगाओ महाराज,
आरती उतारू में सुबह और शाम।3।

माता जिनकी पार्वती उनका बड़ानाम,
है पिता शिवशंकर वो जगमें महान,
आरती उतारू में सुबह और शाम।4।

गजानंद दाता करू मैं प्रणाम,
आरती उतारू में सुबह और शाम।5।

भगवान गणेश जी की आरती करने से सारे संकट दूर हो जाते हैं, और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। जब हम सुबह-शाम उनकी वंदना करते हैं, तो हमें आत्मिक शांति और शक्ति मिलती है। यदि यह भजन आपको भक्तिरस में डुबो गया हो, तो जय जय गणपति गजानंद तेरी जय होवे, गौरी नंदन श्री गणेश विघ्न सब आन हरो देवा, गणपति के गुण गाते चलो और गजानन के गुण गाये जा तू सोये भाग्य जगाये जा जैसे अन्य गणेश भजनों को भी करें और भगवान गणेश जी की असीम कृपा प्राप्त करें। गणपति बप्पा मोरया!

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