गणेश जी की आरती हिंदी में एक अद्भुत और भव्य भजन है जो भगवान गणेश की पूजा अर्चना के दौरान गाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, शुभ-लाभ देने वाला और सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। Ganesh Ji Ki Aarti Hindi Mein में अत्यंत सरल और ले बद्ध तरिके से लिखी गई है, जिससे कोई भी भक्त इसे सरलता से कर सकता है। उनकी आरती में भक्त उनकी महिमा और आशीर्वाद की कामना की जाती है।
इसमें गणेश जी के रूप, गुण और शक्ति का वर्णन किया जाता है। इसे गाते समय हर व्यक्ति अपने आत्मा को शुद्ध करता है और गणेश जी से आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करता है। गणेश आरती लिरिक्स शब्दों के माध्यम से उनकी महानता का बखान किया गया है और यह विश्वास दिलाया जाता है कि भगवान गणेश के आशीर्वाद से हर दुख और विघ्न दूर हो जाते हैं। यहां हमने आपके लिए पूरी आरती को हिंदी में निचे उपलब्ध कराया है-
गणेश जी की आरती हिंदी में
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
आरती के साथ Ganesh Mantra और Ganesh Bhajan Lyrics का पाठ भी किया जा सकता है, जो आपके पूजा को और भक्तिमय बनाता है।
Ganesh Ji Ki Aarti Hindi Mein करने की विधि
गणेश जी की आरती करने की विधि में कई चरण शामिल होते हैं। यहाँ सरल और व्यवस्थित तरीके से पूरी विधि दी गई है:
- पूजा की तैयारी: सबसे पहले स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को स्वच्छ और पवित्र करें। पूजा थाली में धूप, दीप, अगरबत्ती, कुमकुम, हल्दी, अक्षत (चावल), फूल, नैवेद्य (भोग) और आरती की थाली रखें।
- चित्र स्थापना: गणेश जी की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर रखें। उन्हें कुमकुम, हल्दी और अक्षत से तिलक करें। फूलों की माला अर्पित करें।
- ध्यान और प्रार्थना: कुछ क्षण आँखें बंद कर गणेश जी का ध्यान करें। उनके समक्ष अपनी प्रार्थना करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की विनती करें।
- अर्पित करना: गणेश जी के सामने धूप और दीप जलाएँ। अगरबत्ती से चारों ओर घुमाकर भगवान को अर्पित करें।
- आरती: आरती की थाली में दीपक जलाएँ और ऊपर दिए गए आरती को गाना शुरू करें। दीपक को गणेश जी की मूर्ति या चित्र के सामने घुमाएँ। इसे कम से कम तीन बार घुमाना चाहिए। परिवार के सभी सदस्य हाथ जोड़कर आरती में भाग लें।
- प्रसाद चढ़ाना: गणेश जी को मिठाई, मोदक, लड्डू या अन्य नैवेद्य अर्पित करें। इसे आरती के बाद सभी को प्रसाद के रूप में वितरित करें।
- आशीर्वाद: गणेश जी के चरणों में नमन करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। भक्ति भाव से सभी प्रसाद ग्रहण करें और प्रभु का ध्यान करते रहें।
- धन्यवाद: अंत में गणेश जी का आभार प्रकट करें और उन्हें पुनः प्रणाम करें। दीये को जलता हुआ छोड़े और अगरबत्ती को पूरा जलने दें।
इस विधि के अनुसार गणेश जी की आरती करने से मन में शांति, श्रद्धा और आस्था का संचार होता है।
आरती करने के लाभ
गणेश जी की आरती करने से अनेक लाभ होते हैं, जो जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता लाते हैं। यहाँ गणेश जी की आरती के लाभों की सूची दी गई है-
- बाधाओं का नाश: गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। उनकी आरती करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- ऊर्जा का संचार: आरती के दौरान वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो घर और मन को शांति और पवित्रता प्रदान करती है।
- मानसिक शांति: गणेश जी की आरती करने से मानसिक तनाव और चिंता में कमी आती है, जिससे मन को शांति और संतोष की अनुभूति होती है।
- भय और नकारात्मकता: गणेश जी की आरती से भय और नकारात्मक विचारों का नाश होता है। इससे साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: नियमित आरती से व्यक्ति की आध्यात्मिक प्रगति होती है और ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति का भाव गहराता है।
- समृद्धि और खुशहाली: गणेश जी को आरती अर्पित करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। यह परिवारजनों के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ाता है।
- विद्या और बुद्धि: गणेश जी को बुद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है। उनकी आरती करने से बुद्धि और विवेक का विकास होता है, जिससे पढ़ाई और कार्यक्षेत्र में लाभ मिलता है।
- आशीर्वाद: गणेश जी की आरती से किसी भी नए कार्य की शुरुआत शुभ मानी जाती है। यह कार्य की सफलता और प्रगति का आशीर्वाद देता है।
- स्वास्थ्य में सुधार: माना जाता है कि आरती से मन और शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
गणेश जी की आरती न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह जीवन में आनंद, समृद्धि और सफलता का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
FAQ
आरती कब की जाती है?
आरती विशेष रूप से गणेश चतुर्थी, दीपावली, और बुधवार के दिन की जाती है। इसे किसी भी नए कार्य की शुरुआत या शुभ अवसर पर भी किया जा सकता है।
आरती का समय क्या होता है?
इसे सुबह और शाम के समय करना उत्तम माना जाता है, परंतु भक्त इसे किसी भी समय कर सकते हैं।
क्या गणेश जी की आरती केवल मंदिर में की जा सकती है?
नहीं, इसे घर, पूजा स्थल या किसी भी पवित्र स्थान पर किया जा सकता है। गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए स्थान की कोई सीमा नहीं है।