हिन्दू मान्यता के अनुसार जब तक आप द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन नहीं कर लेते तब तक आप अध्यात्म जीवन पूर्ण नहीं माना जाता है। ये सभी ज्योतिर्लिंग सामान्य नहीं होते है ,ऐसा माना जाता है की इन बारह जगहों पर भगवान भोलेनाथ ने खुद दर्शन दिए तब जाकर ये ज्योतिर्लिंग उतपन्न हुए हैं। इन ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने से आपका अध्यात्म जीवन सफल होता है। Dwadash Jyotirling Stotram का जाप आप खुद कर सकते है।
Dwadash Jyotirling Stotram
सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् !
भक्तप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये !! १ !!
श्रीशैलशृङ्गे विविधप्रसङ्गे शेषाद्रिशृङ्गेऽपि सदा वसन्तम् !
तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेनं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् !! २ !!
अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् !
अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् !! ३ !!
कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय !
सदैव मान्धातृपुरे वसन्तं ओङ्कारमीशं शिवमेकमीडे !! ४ !!
पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसं तं गिरिजासमेतम् !
सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि !! ५ !!
याम्ये सदङ्गे नगरेऽतिरम्ये विभूषिताङ्गं विविधैश्च भोगैः !
सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये !! ६ !!
महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः !
सुरासुरैर्यक्ष महोरगाढ्यैः केदारमीशं शिवमेकमीडे !! ७ !!
सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरितीरपवित्रदेशे !
यद्दर्शनात् पातकं पाशु नाशं प्रयाति तं त्र्यम्बकमीशमीडे !! ८ !!
श्रीताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसङ्ख्यैः !
श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि !! ९ !!
यं डाकिनिशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च !
सदैव भीमादिपदप्रसिद्धं तं शङ्करं भक्तहितं नमामि !! १० !!
सानन्दमानन्दवने वसन्तं आनन्दकन्दं हतपापबृन्दम् !
वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये !! ११ !!
इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम् !
वन्दे महोदारतरस्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणं प्रपद्ये !! १२ !!
ज्योतिर्मयद्वादशलिङ्गकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण !
स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च !!
!! इति श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र पूर्ण !!
इस स्तोत्र के साथ आप भगवान शिव के कुछ मुख्य एवं लोकप्रिय पाठों जैसे- shiv puran katha, Shiv Stuti, Shiv Panchakshar Stotra, Shiv Chalisa का पाठ कर सकते हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है की ऐसा माना जाता है की, पुराणों के अनुसार, भगवान शिव 12 ज्योतिर्लिंग में ज्योति रुप में विराजमान हैं। इस लिए इसके पाठ से भगवान शिव की कृपा सदैव आप पर बानी रहती है।
द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन
- दर्शन की शुरुआत : यदि आप बारह ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने की सोच रहें है तो इसमें कुछ सोचना नहीं है की कहां से दर्शन की यात्रा शुरू करें ,सभी ज्योतिर्लिंग समान हैं और एक समान सभी में दिव्य शक्तियां हैं जो आप को बार -बार जीवन -मरण की चक्र से मुक्ति प्रदान करता है। इसलिए आप कहि से भी अपने दर्शन की यात्रा को शुरू कर सकते हैं।
- दर्शन न कर पाने पर : हिन्दू मान्यताओं के अनुसार बारह ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है ,लेकिन सभी के बस की बात नहीं इन बारह जगहों पर दर्शन कर सकें ,इसलिए आप सुबह में केवल शुद्ध मन से इन बारह ज्योतिर्लिंग का नाम स्मरण कर ले तो भी आप को मोक्ष की प्राप्ति होजायेगी।
बारह ज्योतिर्लिंग की पूजा कैसे करें
- चित्र स्थापित करें : घर में ही बारह ज्योतिर्लिंग की पूजा करने के लिए सबसे पहले आप बारह ज्योतिर्लिंग का चित्र स्थापित करें।
- चित्र स्थापित करने के नियम: चित्र को पूरब या पश्चिम दिशा में लगाए।इस चित्र को आप सावन के महीने में ,शिवरात्रि पर या सोमवार को ही लगाए क्युकि इस दिन को भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे खास माना जाता है।
- पूजन सामग्री : आप घर में पूजा शुरू करने से पहले धुप ,अगरबत्ती ,पुष्प ,चंदन,रोली ,गंगाजल और मिष्ठान से थाली को सजा लें।
- ध्यान : पूजा करने से पहले खुद को स्थिर कर ले ,खुद को शांत और स्थिर करने के लिए आप ॐ नमः शिवाय का जाप करके ध्यान करें।
- समापन : पूजा की समाप्ति के साथ ही भगवान से आशिर्वाद मांगे और उनसे प्रार्थना करें की आप को मोक्ष की प्राप्ति मिले और आप का जीवन सफल बने।
ज्योतिर्लिंग के दर्शन से या पूजा करने से क्या होता है
- पापों से मुक्ति : ज्योतिर्लिंग के दर्शन से या पूजन से आप के सभी पाप खत्म हो जाते हैं।
- जीवन में सफलता : भगवान शिव की पूजा करने से या दर्शन करने से आप अपने जीवन के सभी कार्यों में सफल होते है।
- मोक्ष की प्राप्ति : ज्योतिर्लिंग का दर्शन या पूजन करने से आप जीवन -मरण के चक्र से मुक्ति पाते हैं।
- मन की शांति : इनके दर्शन से आप का चिंता खत्म होता है और आप का मानसिक शांति बना रहता है।
FAQ
बारह ज्योतिर्लिंग का दर्शन किसको करना चाहिए ?
ज्योतिर्लिंग का दर्शन सभी को करना चाहिए। इसमें कोई नियम नहीं है की दर्शन किसको चाहिए किसको नहीं।
ज्योतिर्लिंग और शिवलिंग में क्या अंतर है ?
ज्योतिर्लिंग अपने आप स्थापित हुआ है जबकि शिवलिंग को मनुष्यों द्वारा किसी मंदिर या पवित्र स्थान पर स्थापित किया जाता है।
बारह ज्योतिर्लिंग का दर्शन या पूजन कब करना अच्छा माना जाता है ?
यह खासतौर पर सावन में ,पूर्णिमा के दिन ,शिवरात्रि पर इनका दर्शन और पूजन करना खास माना जाता है।
पहला ज्योतिर्लिंग किसको माना जाता है ?
सोमनाथ मंदिर को पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है यह गुजरात में स्थित है।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.