तोरी बगिया में आम की डाल कोयल बोले कुहू कुहू एक सुंदर और मनमोहक भजन है, जो भारतीय लोक संगीत का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह भजन खास तौर पर माँ दुर्गा की महिमा और उनकी कृपा को दर्शाता है। इसमें प्रकृति की सुंदरता और माँ के प्रति भक्तों का प्रेम दोनों को बहुत ही सजीव रूप में प्रस्तुत किया गया है।
Tori Bagiya Mien Aam Ki Dal Koyal Bole Kuhu Kuhu
तोरी बगिया में आम की डाल,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
बगिया में माई आसन लागो,
आसन बैठो आन,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
बाग़ में तोरी झूला डरो है,
झूला झूलो आन,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
बाग में भोजन थाल लगी है,
जीमो जीमो आन,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
बाग में तोरी दुखिया बैठे,
विनती सुनलो आन,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
‘राजेंद’ भेंट लये ठाड़े हैं,
भेंट लो जल्दी आन,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
तोरी बगिया में आम की डाल,
कोयल बोले कुहू कुहू।।
गीतकार / गायक – राजेंद्र प्रसाद सोनी।
यह भजन माँ दुर्गा की अपार शक्ति को श्रद्धांजलि अर्पित करता है, साथ ही साथ हमें उनकी उपस्थिति का अहसास कराता है। जैसे “तोरी बगिया में आम की डाल” के जैसे शब्द हमारे दिलों में गूंजते हैं, वैसे ही नवरात्रि के अन्य भजन भी भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रेरित करते हैं। अगर आपने इस भजन का आनंद लिया है, तो हमारे अन्य भजन जैसे “हिमगिरि सुता रूप जगदम्बा” को भी जरूर सुनें, जो माँ के प्रेम और आशीर्वाद को और भी गहरा करता है। माँ दुर्गा की जय हो! ????

मैं मां दुर्गा की आराधना व पूजा-पाठ में गहरी आस्था रखती हूं। प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करती हूं और मां दुर्गा से जुड़े शक्तिशाली मंत्र, दिव्य आरती, चालीसा एवं अन्य पवित्र धार्मिक सामग्री भक्तों के साथ साझा करती हूं। मेरा उद्देश्य श्रद्धालुओं को सही पूजा विधि सिखाना और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित कर कृपा प्राप्त करने में सहायक बनना है। View Profile