तेरे हाथ मेरी डोर मैं पतंग मेरी माँ भजन लिरिक्स

माँ और भक्त का संबंध एक पतंग और उसकी डोर की तरह होता है—जहां डोर माँ के हाथ में होती है और भक्त उनके आशीर्वाद से आसमान की ऊँचाइयाँ छूता है। तेरे हाथ मेरी डोर मैं पतंग मेरी माँ भजन इसी गहरे विश्वास और समर्पण को प्रकट करता है। यह भजन हमें यह एहसास कराता है कि जीवन के हर उतार-चढ़ाव में माँ हमें सँभालती हैं और सही दिशा में मार्गदर्शन करती हैं।

Tere Hath Meri Dor Main Patang Meri Maa Bhajan Lyrics

तेरे हाथ मेरी डोर,
मैं पतंग मेरी माँ,
जुड़ी रहना हमेशा,
मेरे संग मेरी माँ,
तेरें हाथ मेरी डोर,
मैं पतंग मेरी माँ।।

आना माँ आना,
मेरे घर भी नौरातो में,
मेहंदी लगाऊंगी मैं,
फूलों जैसे हाथो में,
होगा लाल गुडा,
मेहंदी वाला रंग मेरी माँ,
तेरें हाथ मेरी डोर,
मैं पतंग मेरी माँ।।

रोज तेरा करुँगी,
श्रृंगार दाती प्यार से,
फूलों के पिरोऊंगी मैं,
हार दाती प्यार से,
सेज फूलो की,
फूलो का पलंग मेरी माँ,
तेरें हाथ मेरी डोर,
मैं पतंग मेरी माँ।।

साथ माता रानी मेरे,
नौ दिन बिता के,
भोग कंजको के संग,
जाना लगा के,
यही अरदास,
यही है उमंग मेरी माँ,
तेरें हाथ मेरी डोर,
मैं पतंग मेरी माँ।।

तेरे हाथ मेरी डोर,
मैं पतंग मेरी माँ,
जुड़ी रहना हमेशा,
मेरे संग मेरी माँ,
तेरें हाथ मेरी डोर,
मैं पतंग मेरी माँ।।

Singer – Sadhana Sargam

जो भी माँ की शरण में आता है, उसकी जीवन डोर कभी भटकती नहीं। यह भजन भक्त और माँ के अनमोल रिश्ते को दर्शाता है, जहां माँ का आशीर्वाद हमें हर मुश्किल से उबारता है। अगर आपको यह भजन पसंद आया, तो “शेरावाली को मनाने हम भी आए हैं” भी जरूर पढ़ें और माँ की कृपा का अनुभव करें। जय माता दी! ????✨

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