तेरे हरदम रहे ठाठ बाट करले तू मंगलपाठ

माँ की भक्ति में वह शक्ति है, जो जीवन को सुख-समृद्धि और आनंद से भर देती है। तेरे हरदम रहे ठाठ बाट करले तू मंगलपाठ भजन इसी दिव्य अनुभूति को व्यक्त करता है, जहाँ माँ की कृपा से भक्त के जीवन में उन्नति और शांति का संचार होता है। आइए, इस भजन के साथ माँ की महिमा का गुणगान करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

Tere Hardam Rhe Thath Bat Krle Tu Manglpath

तेरे हरदम रहे ठाठ बाट,
करले तू मंगलपाठ,
झुझणवाली रहे तेरे साथ,
करले तू मंगलपाठ।1।

दादी का मंगल बडा मंगलकारी,
मिट जायेगी तेरी विपदाये सारी,
सदा खुशियों की होगी बरसात,
करले तू मंगलपाठ।2।

मंगल से सारे अमंगल कटेगें,
मुश्किल से मुश्किल भी काम पटेंगे,
तू मनाये दिवाली दिन रात,
करले तू मंगलपाठ।3।

मंगल की महिमा है जग से निराली,
सुन कर के दादी भरे झोली खाली,
रहे सर पे ‘आयुष’ माँ का हाथ,
करले तू मंगलपाठ।4।

तेरे हरदम रहे ठाठ बाट,
करले तू मंगलपाठ,
झुझणवाली रहे तेरे साथ,
करले तू मंगलपाठ।5।

माँ के चरणों में समर्पण करने से जीवन में कभी भी अभाव नहीं आता, बल्कि भक्त को हर पल ठाठ-बाट और सुख-शांति प्राप्त होती है। तेरे हरदम रहे ठाठ बाट करले तू मंगलपाठ भजन माँ की कृपा और मंगल पाठ के महत्व को दर्शाता है। यदि यह भजन आपको भक्ति-भाव से भर देता है, तो “माँ तेरा दरबार बड़ा ही प्यारा लगता है” भजन भी अवश्य करे, जिसमें माँ के दरबार की भव्यता और भक्तों पर उनकी कृपा का अनुपम वर्णन किया गया है।

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