तेरे दरबार को नही छोड़ना माता भजन लिरिक्स

तेरे दरबार को नहीं छोड़ना माता भजन माँ की भक्ति और उनके दरबार से जुड़ाव की गहरी भावना को प्रकट करता है। जब भक्त माँ के चरणों में आते हैं, तो उन्हें अपार शांति, सुख, और आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह भजन माँ के प्रति अटूट श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है, जिससे भक्त को यह विश्वास होता है कि चाहे कैसी भी परिस्थिति हो, माँ का दरबार ही उसका सच्चा सहारा है।

Tere Darbar Ko Nahi Chhodna Mata Bhajan Lyrics

तेरे दरबार को नही छोड़ना,
चाहे तेरे पीछे जग पड़े छोड़ना।।

मांग में माँ की शबनम ने मोती जड़े,
और नज़ारो ने मेहँदी लगायी,
तेरे दर्शन को आया हूँ मैं भोली माँ,
ऐसी मन ये लगन लगाई,
लगन लगाई,
तुझसे जोड़कर ये नाता नही तोड़ना,
तेरे दरबार को नही छोडना,
चाहे तेरे पीछे जग पड़े छोड़ना।।

माँ तू ममतामयी है तू करुणामयी,
ऐसी ममता तू हम पर लूटा दे,
तेरे आँचल की छाव में रख लो मुझे,
ऐसी करुणा तू हम पर लूटा दे,
हम पर लूटा दे,
तेरे दर पर चाहे पड़े दम तोड़ना,
तेरे दरबार को नही छोडना,
चाहे तेरे पीछे जग पड़े छोड़ना।।

तेरे दरबार को नही छोड़ना,
चाहे तेरे पीछे जग पड़े छोड़ना।।

माँ के दरबार से जुड़ाव और उनकी भक्ति से जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। जब भक्त सच्चे मन से माँ को पुकारता है, तो माँ उसे कभी खाली हाथ नहीं लौटातीं। अगर आप और भी भक्ति से भरे भजन सुनना चाहते हैं, तो “बीच भंवर में फँसी मेरी नैया, तुम्ही हो खिवैया माँ” ज़रूर सुनें, जो माँ की करुणा और भक्तों के प्रति उनकी रक्षा की भावना को दर्शाता है।







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