Sher Pe Hoke Sawar Maisher Pe Hoke Sawar
मैया जी मेरे घर आना,
जग की पालनहार,
दाती माँ मेरे घर आना,
मैया जी मेरे घर आना,
दाती माँ मेरे घर आना,
जग की पालनहार,
मैया जी मेरे घर आना।।
त्रिकुट पर्वत बसी भवानी,
ज्वाला जल रही ज्योति नुरानी,
वहाँ बहती जल की धार,
मैया जी मेरे घर आना,
शेर पे होकें सवार,
मैया जी मेरे घर आना।।
हाथीमत्था कठिन चढ़ाई,
देती सहारा खुद महामाई,
चहुँ ओर मची जय जयकार,
मैया जी मेरे घर आना,
शेर पे होकें सवार,
मैया जी मेरे घर आना।।
लांगुर वीर करे अगवानी,
ठुमक ठुमक फिर चले महारानी,
‘नागर’ की दरकार,
मैया जी मेरे घर आना,
शेर पे होकें सवार,
मैया जी मेरे घर आना।।
शेर पे होके सवार,
मैया जी मेरे घर आना,
जग की पालनहार,
दाती माँ मेरे घर आना,
मैया जी मेरे घर आना,
दाती माँ मेरे घर आना,
जग की पालनहार,
मैया जी मेरे घर आना।।
भक्ति की यह यात्रा यहीं समाप्त नहीं होती, बल्कि हर नए दिन के साथ और गहरी होती जाती है। माँ की महिमा अपार है, और उनके भक्तों के लिए हर दिन एक नया आशीर्वाद लाता है। अगर आपको यह भजन पसंद आया, तो हमारे अन्य भजन भी अवश्य पढ़ें और सुनें, जैसे – माँ भवानी की कृपा, शेरावाली माता की आरती, और जयकारा शेरावाली दा। भक्ति की यह ज्योत जलती रहे, माँ की कृपा हम सब पर बनी रहे। जय माता दी!