संसार ये छूटे चाहे प्राण ये छुटे मुझसे माँ नहीं रूठे लिरिक्स

संसार ये छूटे चाहे प्राण ये छुटे, मुझसे माँ नहीं रूठे एक अत्यंत भावुक भजन है जो माँ के असीम प्रेम और आशीर्वाद को दर्शाता है। इस भजन में भक्‍त अपनी माँ के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और निष्ठा व्यक्त करता है, यह बताता है कि यदि जीवन में कोई कठिनाई भी हो, तो माँ का आशीर्वाद हमेशा साथ होना चाहिए। यह भजन माँ के अनमोल आशीर्वाद की ताकत को प्रकट करता है और विश्वास दिलाता है कि माँ कभी भी अपने संतान को अकेला नहीं छोड़ती।

Sansar Ye Chhute Chahe Pran Ye Chhute Mujhase Maa Nahi Ruthe Lyrics

संसार ये छूटे चाहे प्राण ये छुटे,
जबतक है जिंदगानी,
मुझसे माँ नहीं रूठे,
माँ नहीं रूठे,
संसार यें छूटे चाहे प्राण ये छुटे।।

रहे जबतक ये जिंदगानी,
तुम्हारा साथ हो मैया,
रहूँ जबतक मैं दुनिया में,
ये सिर पर हाथ हो मैया,
संसार यें छूटे चाहे प्राण ये छुटे,
जबतक है जिंदगानी,
मुझसे माँ नहीं रूठे,
माँ नहीं रूठे,
संसार यें छूटे चाहें प्राण ये छुटे।।

उजड़ जाए सारा गुलशन,
और दुनिया उजड़ जाए,
बेटा जीते जी मर जाए,
जो उसकी माँ बिछड़ जाए,
संसार यें छूटे चाहें प्राण ये छुटे,
जबतक है जिंदगानी,
मुझसे माँ नहीं रूठे,
माँ नहीं रूठे,
संसार यें छूटे चाहे प्राण ये छुटे।।

अगर बेटे के सर से माँ,
जरा सा आँचल हटता है,
वो रोए फुट फुट कर माँ,
कलेजा ऐसा फटता है,
संसार यें छूटे चाहें प्राण ये छुटे,
जबतक है जिंदगानी,
मुझसे माँ नहीं रूठे,
माँ नहीं रूठे,
संसार यें छूटे चाहे प्राण ये छुटे।।

यही विनती है ‘बनवारी’,
की मैया रूठ ना जाए,
तेरे हाथों से माँ मेरी,
ये उंगली छुट ना जाए,
संसार यें छूटे चाहें प्राण ये छुटे,
जबतक है जिंदगानी,
मुझसे माँ नहीं रूठे,
माँ नहीं रूठे,
संसार यें छूटे चाहे प्राण ये छुटे।।

संसार ये छूटे चाहें प्राण ये छुटे,
जबतक है जिंदगानी,
मुझसे माँ नहीं रूठे,
माँ नहीं रूठे,
संसार यें छूटे चाहे प्राण ये छुटे।।

“संसार ये छूटे चाहे प्राण ये छुटे, मुझसे माँ नहीं रूठे” भजन हमें इस बात का अहसास कराता है कि माँ का आशीर्वाद हमारी सबसे बड़ी ताकत है। चाहे कुछ भी हो जाए, माँ कभी अपने बच्चों को नहीं छोड़ती। यह भजन हमें यह भी सिखाता है कि हमें माँ के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को हर पल अपने दिल में जीवित रखना चाहिए। अगर आपको यह भजन पसंद आया हो, तो आप और भी माँ के भक्ति भजन का आनंद ले सकते हैं, जैसे “माँ के आँचल की छाया तू और कहीं ना पाएगा”, “जय माँ भवानी”, और “तेरे दर पे ओ मेरी माँ”।

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