सजा दो दर को फूलों से माँ का नवरात आया है भजन लिरिक्स

नवरात्रि का पावन पर्व आते ही चारों ओर भक्ति और उल्लास की लहर दौड़ जाती है। भक्तजन माता रानी के स्वागत के लिए अपने घर, मंदिर और दरबार को फूलों से सजाते हैं। सजा दो दर को फूलों से माँ का नवरात आया है भजन इसी उत्सव और श्रद्धा को दर्शाता है। यह भजन हमें माँ की कृपा पाने के लिए भक्ति और प्रेम से उनका गुणगान करने की प्रेरणा देता है।

Saja Do Dar Ko Phoolon Se Maa Ka Navrat Aaya Hai Bhajan Lyrics

सजा दो दर को फूलों से,
माँ का नवरात आया है,
सम्पदा कीर्ति यश वैभव,
व सुख समृद्धि लाया है,
सजा दो दर को फूलो से,
माँ का नवरात आया है।।

पखारो माँ चरणों को,
बहा दो प्रेम की गंगा,
बहा दो प्रेम की गंगा,
बिछा दो फूल पलको से,
माँ का नवरात आया है,
सजा दो दर को फूलो से,
माँ का नवरात आया है।।

देखकर अपनी मैया को,
मेरी आँखे भी भर आई,
मेरी आँखे भी भर आई,
हुई रोशन मेरी गलियां,
माँ का नवरात आया है,
सजा दो दर को फूलो से,
माँ का नवरात आया है।।

बनाकर भोग हाथों से,
हे माँ मैं तुझे खिलाऊंगा,
हे माँ मैं तुझे खिलाऊंगा,
रहेगा सेवा में ‘देवेंद्र’,
माँ का नवरात आया है,
सजा दो दर को फूलो से,
माँ का नवरात आया है।।

सजा दो दर को फूलों से,
माँ का नवरात आया है,
सम्पदा कीर्ति यश वैभव,
व सुख समृद्धि लाया है,
सजा दो दर को फूलो से,
माँ का नवरात आया है।।

“सजा दो दर को फूलों से माँ का नवरात आया है” भजन माँ दुर्गा के आगमन की खुशी और भक्तों की आस्था को दर्शाता है। जब माँ स्वयं अपने भक्तों के घर आती हैं, तो उनकी कृपा से हर कष्ट दूर हो जाता है। अगर आपको यह भजन पसंद आया हो, तो “आ जइयो मोरी मैया अंगना में आसान डारो” और “मैं आयी ड्योढ़ी में माता रानी” जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी जरूर सुनें और माँ की भक्ति में डूब जाएँ।

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