रथङो मोड़ दो माजीसा थारै भक्ता की ओर लिरिक्स

राजस्थान की लोकभक्ति में देवी माँ की महिमा का अद्भुत वर्णन मिलता है, और रथङो मोड़ दो माजीसा थारै भक्ता की ओर भजन भी इसी श्रद्धा का प्रतीक है। यह भजन माँ माजीसा से प्रार्थना करता है कि वे अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखें और उनके कष्टों को हर लें। जब जीवन की राह कठिन हो जाती है, तब केवल माँ की भक्ति ही वो शक्ति देती है, जो हमें हर बाधा पार करने का हौसला देती है।

Rathdo Mod Do Majisa Thare Bhagta Ki Or Lyrics

रथङो मोड़ दो माजीसा,
थारै भक्ता की ओर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर,
आवो म्हारी ओर,
मैया आओ म्हारी ओर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर।।

मैं कदसू अर्जी कीनी,
थै नही सुणीया माजीसा,
कोई अर्जी पढ़कर मैया,
कर लो थोड़ा गौर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर।।

खींच लो नकेल थारे,
रथड़ा री माजीसा,
ढीली छोढयां माता,
थाने ले जासी कठै ओर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर।।

दास कवै यो,
प्रेम को नातो,
कोई प्रीत के बंधन की माता,
कसके बांधो डोर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर।।

रथङो मोड़ दो माजीसा,
थारै भक्ता की ओर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर,
आवो म्हारी ओर,
मैया आओ म्हारी ओर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर।।

स्वर / प्रेषिका – उमा शर्मा चित्तौड़गढ़।

माँ माजीसा का दरबार उन भक्तों के लिए हमेशा खुला रहता है, जो सच्चे मन से उनकी शरण में आते हैं। “रथङो मोड़ दो माजीसा थारै भक्ता की ओर” भजन हमें यह विश्वास दिलाता है कि माँ हमेशा अपने भक्तों की सुनती हैं और उनकी झोली खुशियों से भर देती हैं। अगर आपको यह भजन पसंद आया, तो “माँ है सच्ची सरकार मेरी अम्बे रानी” और “करले तू विश्वास रे पगले मैया दौड़ी आएगी” जैसे अन्य भजनों को भी ज़रूर सुनें और माँ की भक्ति में लीन हो जाएँ। जय माँ माजीसा! ????✨

Leave a comment