रंग रंगीली चुनर ओढ के माँ गरबा में आवजो जी

माँ की भक्ति जब उत्सव का रूप ले लेती है, तो हर भक्त आनंद और उल्लास से भर जाता है। रंग रंगीली चुनर ओढ के माँ गरबा में आवजो जी भजन माँ की रंग-बिरंगी छटा और गरबा की उमंग को दर्शाता है, जो नवरात्रि के पावन अवसर पर भक्तों को आध्यात्मिक आनंद से भर देता है। आइए, इस भक्ति-रस में डूबकर माँ का स्वागत करें।

Rang Rangili Chunar Odh Ke Garba Me Aavjo Ji

रंग रंगीली चुनर ओढ के माँ,
गरबा में आवजो जी,
म्हारा गरबा में आवजो जी।1।

म्हारा गरबा में कृष्ण जी आया,
कृष्ण जी आया संग,
राधे रानी लाया,
मीठी मीठी, प्यारी प्यारी,
मीठी मीठी बांसुरी बजाय ने,
म्हारा गरबा में आवजो जी,
माँ गरबा में आवजो जी।2।

म्हारा गरबा में शंकर जी आया,
शंकर जी आया संग,
गौरा मैया लाया,
डम डमा डम, डम डमा डम,
डम डमा डम डमरू बजाय ने,
म्हारा गरबा में आवजो जी,
माँ गरबा में आवजो जी।3।

म्हारा गरबा में धनियर जी आया,
धनियर जी आया संग,
रनु बाई लाया,
छम छमा छम, छम छमा छम,
छम छमा छम घोडीला दौड़ाय ने,
म्हारा गरबा में आवजो जी,
माँ गरबा में आवजो जी।4।

रंग रंगीली चुनर ओढ के माँ,
गरबा में आवजो जी,
म्हारा गरबा में आवजो जी।5।

जब माँ अपनी रंग-बिरंगी चुनर ओढ़े गरबा महोत्सव में आती हैं, तो पूरा माहौल भक्तिमय ऊर्जा से भर जाता है। रंग रंगीली चुनर ओढ के माँ गरबा में आवजो जी भजन माँ के आगमन और भक्तों के आनंदमय नृत्य को दर्शाता है। यदि यह भजन आपको भक्ति-भाव से भर देता है, तो “नवरात्रों की है शुभ घड़ी आई” भजन भी अवश्य सुनें, जिसमें माँ के इस पावन पर्व की महिमा और भक्तों की श्रद्धा का सुंदर वर्णन किया गया है।

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