ओ मावड़ी थारे रूप की शोभा न्यारी भजन लिरिक्स

“ओ मावड़ी थारे रूप की शोभा न्यारी” भजन माँ दुर्गा की सुंदरता और शक्ति का महिमामंडन करता है। इस भजन में माँ के रूप, उनकी महिमा और उनके अद्भुत रूपों का वर्णन किया गया है, जो भक्तों को आकर्षित करता है। भजन के शब्दों में भक्त अपनी श्रद्धा और प्रेम को व्यक्त करते हैं, और माँ के रूप के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हैं। यह भजन न केवल माँ दुर्गा की शक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह भक्तों के मन को शांति और आशीर्वाद से भी भरता है। आइए, इस भजन के मधुर शब्दों के साथ माँ के रूप की महिमा का अनुभव करें।

O Mavadi Thare Roop Ki Shobha Nyari Bhajan Lyrics

ओ मावड़ी थारे,
रूप की शोभा न्यारी,
थारे नैनो की ज्योति निराली,
म्हारी मावड़ी।।

मावड़ी थारी,
सत की महिमा न्यारी,
सतियों में महासती राणी,
म्हारी मावड़ी।।

ओ मावड़ी थारा,
जग में डंका बाजे,
सारी सृष्टि में थारो उजियारो,
म्हारी मावड़ी।।

ओ मावड़ी थारे,
राहों में फूल बिछावा,
पलकों पे थाने बिठावा,
म्हारी मावड़ी।।

‘रेनू बबिता’ थारा ही गुण गांवा,
थारी सेवा में जनम बितावा,
म्हारी मावड़ी।।

ओ मावड़ी थारे,
रूप की शोभा न्यारी,
थारे नैनो की ज्योति निराली,
म्हारी मावड़ी।।

“ओ मावड़ी थारे रूप की शोभा न्यारी” भजन में माँ दुर्गा के रूप और उनकी महिमा का वर्णन भक्तिपूर्वक किया गया है। इस भजन में उनके दिव्य रूप के प्रति भक्तों की निस्वार्थ श्रद्धा और प्रेम की भावना महसूस होती है। जब हम माँ दुर्गा के इस रूप की स्तुति करते हैं, तो वह हमारी सारी परेशानियों को दूर कर हमें आशीर्वाद देती हैं। अगर आपको यह भजन पसंद आया, तो आप “माँ दुर्गा के अन्य भजन”, “माँ दुर्गा की आराधना” और “जय जय दुर्गा माता” जैसे अन्य भजनों का भी आनंद ले सकते हैं। जय माता दी!

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