नव कोटि दुर्गा सिंह धडुके थारे बारणै भजन में माँ दुर्गा के नौ रूपों और उनकी शक्तियों की महिमा का बखान किया गया है। यह भजन उनके प्रत्येक रूप की अद्वितीयता को दर्शाता है, जो विश्व के कर्तव्य और धर्म की रक्षा करती हैं। इस भजन के माध्यम से भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करते हैं, और माँ दुर्गा से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।
Nav Koti Durga Singh Dhaduke Thare Barnai Bhajan Lyrics
नव कोटि दुर्गा,
सिंह धडुके थारे बारणै,
सिंह धडूकै थारै बारणै।।
इंद्र घटा छाई घणी है,
देख्या आनंद आवे जी,
निज मंदिर में आप विराजो,
दर्शन घणा सुहावे जी,
नव कोटि दुर्गां,
सिंह धडुके थारे बारणै।।
ब्रम्हा रूप भई है व्यापक,
रोम रोम में सारै,
जिन पर मेहर करे नवदुर्गा,
भवसागर से तारे जी,
नव कोटि दुर्गां,
सिंह धडुके थारे बारणै।।
ओसियां में मां सांचल बैठी,
कलकत्ते में काली,
देशनोक में करणी माता,
भक्ता की रखवाली जी,
नव कोटि दुर्गां,
सिंह धडुके थारे बारणै।।
सब भक्तों की विनती सागा,
सुन लो अर्जी म्हारी,
हाथ जोड़कर बोलू मैया,
चरण कमल बलिहारी जी,
नव कोटि दुर्गां,
सिंह धडुके थारे बारणै।।
नव कोटि दुर्गा,
सिंह धडुके थारे बारणै,
सिंह धडूकै थारै बारणै।।
स्वर / प्रेषक – उमा शर्मा चित्तौड़गढ़।
“नव कोटि दुर्गा सिंह धडुके थारे बारणै” भजन में माँ दुर्गा के उस रूप को दर्शाया गया है जिसमें वह सिंह पर सवार होती हैं और उनके चरणों में दुनिया की समस्त शक्तियाँ समाहित होती हैं। जैसे “शेरावाली माँ खजाने बैठी खोल के” और “जय जय हे माँ अष्ट भवानी दुर्गा अमृतवाणी” भजन में भी माँ की महिमा और शक्ति की स्तुति की जाती है, वैसे ही इस भजन में भी उनके महान रूप और शक्ति का विस्तार से उल्लेख किया गया है। माँ दुर्गा के आशीर्वाद से हर संकट और कठिनाई दूर होती है, और उनके आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि और शांति का वास होता है। जय माता दी! 🙏
मैं मां दुर्गा की आराधना व पूजा-पाठ में गहरी आस्था रखती हूं। प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करती हूं और मां दुर्गा से जुड़े शक्तिशाली मंत्र, दिव्य आरती, चालीसा एवं अन्य पवित्र धार्मिक सामग्री भक्तों के साथ साझा करती हूं। मेरा उद्देश्य श्रद्धालुओं को सही पूजा विधि सिखाना और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित कर कृपा प्राप्त करने में सहायक बनना है। View Profile 🚩🙏