नौरता की रात मैया गरबे रमवा आणो है भजन लिरिक्स

नौरता की रात मैया गरबे रमवा आणो है भजन नवरात्रि के महापर्व का एक दिव्य भजन है, जो माँ दुर्गा की उपासना में गाया जाता है। इस भजन में भक्त माँ दुर्गा से प्रार्थना करते हैं कि वे नवरात्रि के इस पवित्र समय में अपने भक्तों के घर आकर अपने आशीर्वाद से उन्हें समृद्ध करें। गरबा का विशेष महत्व नवरात्रि के दौरान होता है, और यह भजन हमें उत्सव, आस्था, और समर्पण का प्रतीक रूप में प्रस्तुत करता है।

Naurata Ki Raat Maiya Garbe Ramva Aano Hai

नौरता की रात मैया,
गरबे रमवा आणो है,
थाने वादों निभाणो है,
नौरता की रात।।

साथी सहेलियां,
मईया जोवे थारी बाट,
मईया जी थाने आवणो,
माथा पे हो टीका,
काना में हो झुमका,
सज ने थाणे आवणो,
नौरता की रात मईया,
गरबे रमवा आणो है,
थाणे वादे निभाणो है,
नौरता की रात।।

हाथा में हो चुडलो,
पावा में हो पायल,
हो छम छम करती आवणो,
सर पे हो चुनरिया,
लाले हो रंग री,
घुंगटा में थाणे आवणो,
नौरता की रात मईया,
गरबे रमवा आणो है,
थाणे वादों निभाणो है,
नौरता की रात।।

नौरता की रात मैया,
गरबे रमवा आणो है,
थाने वादों निभाणो है,
नौरता की रात।।

Singer – Lakhan Nagar

नवरात्रि का यह पावन अवसर माँ दुर्गा की पूजा और भक्ति का समय होता है। “नौरता की रात मैया गरबे रमवा आणो है” भजन में नवरात्रि की रातों का उल्लास और गरबा की धूम-धाम को दर्शाया गया है, जिसमें श्रद्धालु एक साथ मिलकर माँ की उपासना करते हैं। यह भजन हमें माँ दुर्गा के प्रति श्रद्धा और विश्वास को और अधिक मजबूत करने की प्रेरणा देता है। अगर आप और भी माँ दुर्गा के भजनों का अनुभव करना चाहते हैं, तो [“सोना चांदी हिरे मोती रंगले बंगले महल चौ

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