जब भी भक्त माँ के दरबार में हाजिरी लगाते हैं, माँ की कृपा उन पर बरसती है। नैया चलाती हूँ मैं बिगड़ी बनाती हूँ माता भजन इसी भक्ति और विश्वास का प्रतीक है। यह भजन हमें माँ की असीम शक्ति और कृपा की याद दिलाता है, जो अपने भक्तों की नैया पार लगाती हैं और उनकी बिगड़ी संवारती हैं। जब जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, तो माँ का स्मरण ही हमारा सबसे बड़ा सहारा बनता है।
Naiya Chalati Hun Mai Bigdi Banati Hun Mata Bhajan Lyrics
नैया चलाती हूँ,
मैं बिगड़ी बनाती हूँ,
अपने भक्तो का मैं,
बेड़ा पार लगाती हूँ,
नईया चलाती हूँ।।
शरण जो मेरी आकर के,
भरोसा मुझ पर है करता,
भगत जो है मेरा होता,
मेरी नजरो में वो रहता,
नईया चलाती हूँ,
मैं बिगड़ी बनाती हूँ,
अपने भक्तो का मैं,
बेड़ा पार लगाती हूँ,
नईया चलाती हूँ।।
अगर तूफान आता है,
नाव हिचकोले खाती है,
नाव डूबे भला कैसे,
चुनड़ मेरी लहराती है,
नईया चलाती हूँ,
मैं बिगड़ी बनाती हूँ,
अपने भक्तो का मैं,
बेड़ा पार लगाती हूँ,
नईया चलाती हूँ।।
रखती हूँ ध्यान मैं इतना,
भगत तो सोता रहता है,
भगत कुछ भी नहीं करता,
काम सब होता रहता है,
नईया चलाती हूँ,
मैं बिगड़ी बनाती हूँ,
अपने भक्तो का मैं,
बेड़ा पार लगाती हूँ,
नईया चलाती हूँ।।
यही इच्छा है ‘बनवारी’,
यही दरबार में बैठूं,
भगत की नाव में बैठूं,
भगत के साथ में बैठूं,
नईया चलाती हूँ,
मैं बिगड़ी बनाती हूँ,
अपने भक्तो का मैं,
बेड़ा पार लगाती हूँ,
नईया चलाती हूँ।।
नैया चलाती हूँ,
मैं बिगड़ी बनाती हूँ,
अपने भक्तो का मैं,
बेड़ा पार लगाती हूँ,
नईया चलाती हूँ।।
माँ की महिमा अनंत है, उनकी कृपा अविरल बहती रहती है। जब भी जीवन की नैया डगमगाने लगे, जब भी कोई परेशानी घेर ले, तो माँ का स्मरण करिए, क्योंकि वह हमेशा अपने भक्तों का हाथ थामने को तत्पर रहती हैं। अगर यह भजन आपको पसंद आया, तो आप हमारे अन्य भक्तिमय भजनों को भी पढ़ सकते हैं, जैसे “सिंह पे भवानी देखो चढ़ आई” या “तेरा ही लाल हूँ मैं, कुछ तो माँ ख़याल करो”। माँ की भक्ति से जुड़े और भी खूबसूरत भजनों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। जय माता दी!