नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया दुर्गुणों का नाश करते करते

Naam Tera Durge Maiya Ho Gaya Durguno Ka Nash Karte Karte

श्लोक-
तुम्ही को जपते,
है जग के प्राणी,
ब्रम्हा विष्णु शिव भोले दानी,
जगत की विपदा मिटाने वाली,
नमोस्तुते माँ अम्बे भवानी,
नमोस्तुते माँ अम्बे भवानी।

अम्बे भवानी,,, हो ओ,
अम्बे भवानी तेरा ध्यान सभी है धरते,
नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया,
दुर्गुणों का नाश करते करते।

जय जय अम्बे, जय जय अम्बे,
जय जय अम्बे, जय जय जगदम्बे।।

जब जब जग में जनम लिए है,
पापी अत्याचारी,,,हो ओ,
तब तब आई पाप मिटाने,
करके सिंह सवारी,
सभी पापी गए मारे,
योद्धा बड़े बड़े हारे,
ब्रम्हा विष्णु भोले शंकर,
तेरी आरती उतारे,
सारे संसारी,,, हो ओ,
सारे संसारी सदा,
ध्यान तेरा है धरते।

नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया,
दुर्गुणों का नाश करते करते।

जय जय अम्बे, जय जय अम्बे,
जय जय अम्बे, जय जय जगदम्बे।।

सारे जग का त्रास मिटाकर,
महिषासुर को मारी,
रणभूमि में रक्त बीज को,
पल भर में संहारी,
तेरी महिमा है न्यारी,
तू है जग हितकारी,
तेरे हाथो से ना बचते,
कभी कोई अत्याचारी,
अम्बे भवानी,,, हो ओ,
अम्बे भवानी तेरे नाम से,
पापी सब डरते।

नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया,
दुर्गुणों का नाश करते करते।

जय जय अम्बे, जय जय अम्बे,
जय जय अम्बे, जय जय जगदम्बे।।

हाथ में खप्पर तिरशूल कमंडल,
गल मुंडो की माला,
कोटि सूर्य सम मुख छवि चमके,
लाल नयन विकराला,
मैया दुर्गे भवानी,
सारी दुनिया के प्राणी,
तेरी करे परिकरमा,
देव ऋषि और ज्ञानी,
माता कल्याणी,,, हो ओ,
तेरी पूजा सदा सब है करते।

नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया,
दुर्गुणों का नाश करते करते।

जय जय अम्बे, जय जय अम्बे,
जय जय अम्बे, जय जय जगदम्बे।।

जो भी मन से ध्यान लगा ले,
उसको तू अपनाती,
भक्त जनो के कष्ट मिटाकर,
सुख सम्पति बरसाती,
भाग ‘लख्खा’ के जगा दो,
दृष्टि दया की उठा दो,
अपने ‘शर्मा’ को भक्ति का,
माँ अमृत पीला दो,
अम्बे भवानी,,, हो ओ,
अम्बे भवानी तुम्हे,
आठों पहर हम सुमरते।

नाम तेरा दुर्गे मैया हो गया,
दुर्गुणों का नाश करते करते।

जय जय अम्बे, जय जय अम्बे,
जय जय अम्बे, जय जय जगदम्बे।।


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