मेरी शेरावाली माँ सच्चा तेरा दरबार

माँ शेरावाली का दरबार भक्तों के प्रेम, श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है, जहाँ हर कोई अपने मन की अरदास लेकर आता है और माँ की कृपा से संकटों से मुक्ति पाता है। मेरी शेरावाली माँ सच्चा तेरा दरबार भजन माँ के दरबार की भव्यता, दिव्यता और भक्तों की अटूट आस्था को दर्शाता है। आइए, इस भजन के माध्यम से माँ शेरावाली के पावन दरबार की महिमा का गुणगान करें।

Meri Sherawali Maa Sachcha Tera Darbar

मेरी शेरावाली माँ सच्चा तेरा दरबार,
मन की मुरादें मिल जाती है,
मन की मुरादें मिल जाती,
जो आया हाथ पसार,
मेरी शेरावाली मां सच्चा तेरा दरबार।1।

सूरज की पहली किरणों से,
होता रूप निखार,
दूर कभी भी दूर ना होता,
हाँ सोलह करे श्रृंगार,
मेरी रानी माँ सच्चा तेरा दरबार,
मेरी शेरावाली मां सच्चा तेरा दरबार।2।

ये सारा जग गोद में खेले,
तू ही पालनहार,
किस्मत लिखने वाली माँ है,
तू ही सुने पुकार,
हाँ तू ही सुने पुकार,
महारानी माँ सच्चा तेरा दरबार,
मेरी शेरावाली मां सच्चा तेरा दरबार।3।

तेरे हाथो की कठपुतली,
ये सारा संसार,
तू ही हर आँगन महकाती,
करके मौज बहार,
हाँ करके मौज बहार,
अम्बे रानी माँ सच्चा तेरा दरबार
मेरी शेरावाली मां सच्चा तेरा दरबार।4।

बन कर ढाल सम्भालो मुझको,
शरण तेरी परिवार,
सुबह शाम चरणों में तेरे,
याद करे माँ गुहार,
अरे याद करे माँ गुहार,
महारानी माँ सच्चा तेरा दरबार,
मेरी शेरावाली मां सच्चा तेरा दरबार।5।

मेरी शेरावाली माँ सच्चा तेरा दरबार,
मन की मुरादें मिल जाती है,
मन की मुरादें मिल जाती,
जो आया हाथ पसार,
मेरी शेरावाली मां सच्चा तेरा दरबार।6।

माँ का दरबार सच्ची भक्ति और श्रद्धा का स्थान है, जहाँ भक्तों की पुकार कभी अनसुनी नहीं होती। मेरी शेरावाली माँ सच्चा तेरा दरबार भजन माँ की दिव्यता और भक्तों के प्रति उनके अपार प्रेम को दर्शाता है। यदि यह भजन आपको भक्ति-भाव से भर देता है, तो “माँ तेरा सच्चा द्वारा लगे भक्तों को प्यारा” भजन भी अवश्य सुनें, जिसमें माँ के पावन दरबार और भक्तों की श्रद्धा का सुंदर वर्णन किया गया है।

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