मेरी सेठ मसानी रे मेरे घर आजा | Meri Seth Masani Re Mere Ghar Aaja

भक्त जब माँ को अपने घर आमंत्रित करता है, तो यह केवल एक पुकार नहीं, बल्कि उसके हृदय की गहरी भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक होता है।मेरी सेठ मसानी रे मेरे घर आजा भजन माँ के प्रति भक्त के प्रेम और उनके आशीर्वाद की चाह को दर्शाता है, जहाँ भक्त अपने घर को माँ के आगमन से पावन करने की प्रार्थना करता है। आइए, इस भजन के साथ माँ की कृपा को आमंत्रित करें।

Meri Seth Masani Re Mere Ghar Aaja

मेरी सेठ मसानी रे,
मेरे घर आजा,
मेरी शीतला रानी रे,
मेरे घर आजा,
घर आजा भाग्य जगा जा,
मेरीं सेठ मसानी रे,
मेरे घर आजा।1।

कब ते तेरी बाट निहारू,
तेरी रे जोत पे सिर मारू,
गुडगामे आली री,
मेरी बिगड़ी बना जा,
मेरीं सेठ मसानी रे,
मेरे घर आजा।2।

माई री तेरा भोग हूं ल्याई,
काहे ना सुनती मेरी सुनाई,
चोगानन आली री,
आके भोग लगा जा,
मेरीं सेठ मसानी रे,
मेरे घर आजा।3।

थारे भगतां ने महिमा गाई,
सुन के थारे दर पे आई,
मेरी लाडो रानी री,
मने दरस तू दिखा जा,
मेरीं सेठ मसानी रे,
मेरे घर आजा।4।

मेरी सेठ मसानी रे,
मेरे घर आजा,
मेरी शीतला रानी रे,
मेरे घर आजा,
घर आजा भाग्य जगा जा,
मेरीं सेठ मसानी रे,
मेरे घर आजा।5।

माँ का आगमन किसी भी स्थान को तीर्थ बना देता है, और उनकी कृपा से जीवन का हर क्षण मंगलमय हो जाता है। “मेरी सेठ मसानी रे मेरे घर आजा” भजन माँ की कृपा और उनके सानिध्य की कामना को प्रकट करता है। यदि यह भजन आपको भक्ति-भाव से भर देता है, तो “माँ तेरे चरणों में मेरा सारा संसार” भजन भी अवश्य करे, जिसमें माँ के चरणों की महिमा और उनकी अपार कृपा का सुंदर वर्णन किया गया है।

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