मेरी माँ खोल दे तू मेरे भी नसीब को भजन लिरिक्स

भक्त जब सच्चे मन से माँ दुर्गा के चरणों में अपना सिर झुका देता है, तो माँ उसकी झोली खुशियों से भर देती हैं। मेरी माँ खोल दे तू मेरे भी नसीब को भजन में यही भावना प्रकट होती है, जहाँ एक भक्त माँ से अपने भाग्य को संवारने की प्रार्थना करता है। यह भजन माँ की अपार कृपा और उनकी दया को महसूस करने का एक मधुर माध्यम है, जो हर दुख को हरने वाली हैं।

Meri Maa Khol De Tu Mere Bhi Nasib Ko Bhajan Lyrics

मेरी माँ खोल दे तू,
मेरे भी नसीब को,
तार दे तू मैया,
इस गरीब को,
माँ खोल दे तू,
मेरे भी नसीब को।।

तेरे दर आके दुख,
दिल के मैं रोता हूँ,
अश्कों से तेरे मैया,
चरणों को धोता हूँ,
तेरे होते दाती क्यों,
दुखियाँ मैं होता हूँ,
चैन से ना जिऊँ मैया,
चैन से ना सोता हूँ,
गले से लगा लो,
बदनसीब को,
माँ खोल दे तू,
मेरे भी नसीब को।।

ज्योत मैं जगाऊँ तेरी,
सांझ सवेरे,
दूर करो मैया मेरे,
गम के अंधेरे,
कष्ट निवारो मैया,
अब तुम मेरे,
आके गिरा हूँ मैया,
शरण में तेरे,
भूलों ना माँ अपने,
अजीज को,
माँ खोल दे तू,
मेरे भी नसीब को।।

अपने ‘सलीम’ को,
दे दो दिलासा माँ,
ममता से भर दो मैया,
मेरा भी कासा माँ,
दूर ना जाए मेरे,
मुखड़े से हासा माँ,
जाए ना दर से तेरा,
‘कोमल’ निरासा माँ,
तोड़ो ना माँ मेरी,
इस उम्मीद को,
माँ खोल दे तू,
मेरे भी नसीब को।।

मेरी माँ खोल दे तू,
मेरे भी नसीब को,
तार दे तू मैया,
इस गरीब को,
माँ खोल दे तू,
मेरे भी नसीब को।।

माँ की भक्ति से बढ़कर कोई दूसरी शक्ति नहीं होती। जब माँ का आशीर्वाद मिलता है, तो जीवन के हर अंधकार में भी उजाला हो जाता है। माँ दुर्गा की महिमा का गुणगान करने वाले “माँ का नाम छुपा रखा है”, “सुनले ओ मेरी मैया मुझे तेरा ही सहारा माता” और “तू मेरी माता बेटा मैं तेरा तू ज्योति मैं अंधेरा” जैसे अन्य भजन भी पढ़ें और माँ की कृपा से अपने जीवन को संवारें।









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