जीवन में शांति और सही मार्गदर्शन की तलाश हर किसी को होती है, लेकिन मन अक्सर भटक जाता है। मनवा रे अब मान ले कहना भजन हमें यही संदेश देता है कि हमें अपने अहंकार और मोह को छोड़कर गुरु के वचनों का अनुसरण करना चाहिए। जब मन गुरुदेव के बताए मार्ग पर चलता है, तभी असली सुख और शांति प्राप्त होती है।
Manva Re Ab Maan Le Kahna Bhajan Lyrics
मनवा रे अब मान ले कहना,
दिन और बचे न,
काहे न भजन करे हो।।
ये जीवन पानी का रैला,
ये तन है माटी का ढैला,
चार दिनो का है ये मैला,
पल का नही है ठिकाना,
काहे न भजन करे,
मनवा रै अब मान ले कहना,
दिन और बचे न,
काहे न भजन करे हो।।
नाम हरि का मन तू भजले,
गुरूवाणी पे अमल तू करले,
घर ये किराए का है पगले,
इसमे सदा नही रहना,
काहे न भजन करे,
मनवा रै अब मान ले कहना,
दिन और बचे न,
काहे न भजन करे हो।।
गूरु चरणो मे ध्यान लगालै,
तेरे अँग सँग है नँगली वाले,
आज तू अपना भाग्य जगाले,
सोते ही न रहना,
काहे न भजन करे,
मनवा रै अब मान ले कहना,
दिन और बचे न,
काहे न भजन करे हो।।
मनवा रे अब मान ले कहना,
दिन और बचे न,
काहे न भजन करे हो।।
गुरुदेव का सच्चा शिष्य वही है जो उनके वचनों को आत्मसात करता है और जीवन में सही दिशा अपनाता है। मन को समझाने का यही सही समय है, क्योंकि अवसर बार-बार नहीं आते। आगे “रोज रोज करता है मन तू बहाने”, “तेरी महिमा को न जानूँ मैं गुरुदेव”, “जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए”, और “तुझे गुरु कितना समझाए पर तेरी समझ न आए” भजन भी पढ़ें और अपने मन को गुरुदेव के चरणों में समर्पित करें।
मैं मां दुर्गा की आराधना व पूजा-पाठ में गहरी आस्था रखती हूं। प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करती हूं और मां दुर्गा से जुड़े शक्तिशाली मंत्र, दिव्य आरती, चालीसा एवं अन्य पवित्र धार्मिक सामग्री भक्तों के साथ साझा करती हूं। मेरा उद्देश्य श्रद्धालुओं को सही पूजा विधि सिखाना और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित कर कृपा प्राप्त करने में सहायक बनना है। View Profile 🚩🙏