जब भक्त माँ के मंदिर में प्रवेश करता है, तो उसे एक अनोखी शांति और सुख की अनुभूति होती है। “मैया तुम्हारा मंदिर लगता है कितना प्यारा” भजन माँ के मंदिर की दिव्यता और भक्तों की उसमें गहरी आस्था को दर्शाता है। माँ का दरबार भक्तों के लिए केवल एक स्थान नहीं, बल्कि श्रद्धा, भक्ति और आशीर्वाद का संगम है। इस भजन के माध्यम से भक्त माँ के मंदिर की अलौकिक सुंदरता और वहाँ मिलने वाले आत्मिक सुकून की महिमा गाता है।
Maiya Tumhara Mandir Lagta Hai Kitna Pyara
मैया तुम्हारा मंदिर,
लगता है कितना प्यारा,
कण कण में माँ बसी है,
कण कण में माँ बसी है,
जिस ओर भी निहारा,
मईया तुम्हारा मंदिर,
लगता है कितना प्यारा।1।
सूरज की पहली किरणें,
करती है माँ का वंदन,
मईया यहां बिराजे,
मिट्टी भी जैसे चंदन,
महारानी के भवन में,
सेठानी के भवन में,
बहती है भक्ति धारा,
मईया तुम्हारा मंदिर,
लगता है कितना प्यारा।2।
मंदिर में तेरे बैठूँ,
गुणगान तेरे गाऊँ,
बस तुझको ही मैं देखूं,
नजरें नहीं हटाऊँ,
फीका है तेरे आगे,
फीका है तेरे आगे,
बैकुंठ का नजारा,
मईया तुम्हारा मंदिर,
लगता है कितना प्यारा।3।
मैया तेरे चरण में,
बस इतनी सी है विनती,
जन्मों जन्म माँ तेरे,
सेवा करूँ चरण की,
‘सौरभ मधुकर मैया,
‘सौरभ मधुकर’ मैया,
रखना मान हमारा,
मईया तुम्हारा मंदिर,
लगता है कितना प्यारा।4।
मैया तुम्हारा मंदिर,
लगता है कितना प्यारा,
कण कण में माँ बसी है,
कण कण में माँ बसी है,
जिस ओर भी निहारा,
मईया तुम्हारा मंदिर,
लगता है कितना प्यारा।4।
“मैया तुम्हारा मंदिर लगता है कितना प्यारा” भजन माँ के पवित्र दरबार की महिमा को बखूबी दर्शाता है। माँ का मंदिर केवल ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था और माँ की कृपा का प्रतीक होता है। माँ की इस अनंत कृपा को और अधिक महसूस करने के लिए “[जब-जब भक्त पुकारे, माँ ने दिया सहारा]” जैसे भजन भी भक्तों को माँ की दिव्यता का एहसास कराते हैं। जय माता दी! ????????

मैं मां दुर्गा की आराधना व पूजा-पाठ में गहरी आस्था रखती हूं। प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करती हूं और मां दुर्गा से जुड़े शक्तिशाली मंत्र, दिव्य आरती, चालीसा एवं अन्य पवित्र धार्मिक सामग्री भक्तों के साथ साझा करती हूं। मेरा उद्देश्य श्रद्धालुओं को सही पूजा विधि सिखाना और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित कर कृपा प्राप्त करने में सहायक बनना है। View Profile