माँ और भक्त का रिश्ता सदियों पुराना है, एक ऐसा अनमोल बंधन जो प्रेम, श्रद्धा और भक्ति से भरा हुआ है। जब भी भक्त माँ के चरणों में नतमस्तक होता है, उसकी हर पीड़ा मिट जाती है। माँ की ममता ऐसी होती है कि वह अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करती। मैया तेरी मेरी, तेरी मेरी है ये प्रीत पुरानी यह भजन उसी शाश्वत प्रेम और भक्ति का प्रतीक है, जो अनादि काल से चली आ रही है।
Maiya Teri Meri Teri Meri Hai Ye Prit Purani Bhajan Lyrics
मैया तेरी मेरी तेरी मेरी,
है ये प्रीत पुरानी,
मैं हूँ बेटा तू मैया मेरी,
है ये रीत पुरानी,
सारा जग माँ तुमने बनाया,
अपरम्पार है तेरी माया,
तेरे आँचल की छाया में,
है ये श्रष्टि सारी,
मईया तेरी मेरी तेरी मेरी,
है ये प्रीत पुरानी।।
ममतामई माँ भूल ना जाना,
माँ बेटे का रिश्ता निभाना,
जब भी बुलाए माँ तुम चली आना,
हर संकट से माँ जग को बचाना,
शेरोवाली माँ चंडी काली,
तेरी महिमा निराली,
मईया तेरी मेरी तेरी मेरी,
है ये प्रीत पुरानी।।
भूख से बिलख कर कोई ना रोये,
अन्न जल बिन ये जीवन ना खोए,
अन्न उपजा कर जीव बचाओ,
नारी की रक्षा माँ कर जाओ,
दानव है मैया आज चरम पे,
आकर वध कर जाओ,
मईया तेरी मेरी तेरी मेरी,
है ये प्रीत पुरानी।।
जग में ये कैसी रीत चल पड़ी है,
बेटी कोंख में बिलख रही है,
घर में हो या बिच राह में,
नारी की अस्मत क्यों लूट रही है,
दुष्टो को काटो माँ बनके काली,
तुम ही रखवाली,
मईया तेरी मेरी तेरी मेरी,
है ये प्रीत पुरानी।।
मैया तेरी मेरी तेरी मेरी,
है ये प्रीत पुरानी,
मैं हूँ बेटा तू मैया मेरी,
है ये रीत पुरानी,
सारा जग माँ तुमने बनाया,
अपरम्पार है तेरी माया,
तेरे आँचल की छाया में,
है ये श्रष्टि सारी,
मईया तेरी मेरी तेरी मेरी,
है ये प्रीत पुरानी।।
माँ की भक्ति का रस अमृत के समान है, जो जीवन की हर पीड़ा को हर लेता है। जो भी सच्चे मन से माँ को पुकारता है, माँ उसे अपनी कृपा से नवाज देती हैं। अगर यह भजन आपके मन को भाया हो, तो अन्य भजनों को भी अवश्य पढ़ें, जैसे: “माँ को कभी तुम भूल ना जाना”, “मेरी आस तू है माँ विश्वास तू है माँ”, “मेरी वैष्णो मैया तेरी महिमा अपरम्पार”। माँ की महिमा अपरंपार है, आइए हम सब मिलकर उनकी भक्ति में लीन हों। जय माता दी!