मैया ओढ़ चुनरिया लाल के बैठी कर सोलह श्रृंगार भजन लिरिक्स

मैया ओढ़ चुनरिया लाल के बैठी कर सोलह श्रृंगार यह भजन एक श्रद्धा से भरी हुई प्रार्थना है, जिसमें भक्त माँ दुर्गा की सुंदरता और महिमा का वर्णन करता है। इस भजन में माँ के रूप, उनके श्रृंगार और उनके अद्भुत दिव्य स्वरूप को पूरी श्रद्धा और प्रेम के साथ प्रस्तुत किया गया है। भक्त माँ के चरणों में समर्पित हो, उनकी कृपा प्राप्त करने की कामना करता है।

Maiya Odh Chunariya Lal Ke Baithi Kar Solah Shringar Bhajan Lyrics

मैया ओढ़ चुनरिया लाल,
के बैठी कर सोलह श्रृंगार,
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे,
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।।

लाल चुनरियाँ चम चम चमके,
रोली को टीको दम दम दमके,
थारे हाथ मेहंदी लाल,
के बैठी कर सोलह श्रृंगार,
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे,
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।।

पगल्या री पायल छम छम छमके,
हाथां रो चुड़लो खन खन खनके,
थारे गल हीरा को हार,
के बैठी कर सोलह श्रृंगार,
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे,
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।।

खोल खजानो बैठी मेरी मईया,
जो चाहे सो मांग लो भईया,
म्हारी मईया लखदातार,
के बैठी कर सोलह श्रृंगार,
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे,
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।।

मैया ओढ़ चुनरिया लाल,
के बैठी कर सोलह श्रृंगार,
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे,
बड़ी प्यारी लागे,
बड़ी सोणी लागे।।

“मैया ओढ़ चुनरिया लाल के बैठी कर सोलह श्रृंगार” भजन हमें माँ के सौंदर्य और दिव्यता का आभास कराता है। माँ दुर्गा के इस रूप का गुणगान करते हुए हम उनके चरणों में अपना सिर झुका देते हैं, क्योंकि उनके आशीर्वाद से ही जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। इस भजन के जरिए हमें यह समझ में आता है कि माँ का दिव्य रूप हम सभी के दिलों में बसता है। अगर आपको यह भजन पसंद आया, तो और भी माँ के भजनों का आनंद लें, जैसे “मैया के दर पे सभी आते हैं”, “जय जय दुर्गे माता”, और “माँ का आशीर्वाद है सब पर”। इन भजनों के माध्यम से हम माँ के आशीर्वाद से अपने जीवन को रोशन कर सकते हैं। जय माता दी!

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