मैया के जाना मुझको द्वार है | Maiya Ke Jana Mujhko Dwar Hai

सच्ची भक्ति वही होती है, जब दिल में सिर्फ माँ के दरबार का प्रेम हो। मैया के जाना मुझको द्वार है भजन एक भक्त की उस अनमोल इच्छा को दर्शाता है, जिसमें वह अपनी हर सांस माँ के चरणों में बिताना चाहता है। यह भजन हमें माँ की अटूट भक्ति और उनके प्रेम की गहराई को महसूस कराता है।

Maiya Ke Jana Mujhko Dwar Hai

मैया के जाना मुझको द्वार है,
मुझको बुलाता माँ का प्यार है।1।

कटरा की वादियों में जाऊंगा,
दर्शन का अवसर मैं भी पाऊंगा,
मईया का होगा दीदार है,
मुझको बुलाता माँ का प्यार है।2।

तेरी किरपा तो सबपे बरसे है,
दर्शन को अखियाँ मेरी तरसे है,
अब तो मईया का इंतजार है,
मुझको बुलाता माँ का प्यार है।3।

जब जब बुलाओगी मैं आऊंगा,
दर्शन के बिना ना रह पाउँगा,
रिस्ता हमारा अनमोल है,
ये तो जन्मो जन्मो का प्यार है।4।

मैया के जाना मुझको द्वार है,
मुझको बुलाता माँ का प्यार है।5।

“मैया के जाना मुझको द्वार है” भजन माँ की शरण में जाने की उस दिव्यता को दर्शाता है, जहाँ हर भक्त को आत्मिक शांति मिलती है। माँ के दरबार में जाने वाला कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता, माँ अपनी कृपा से उसे सुख-समृद्धि से भर देती हैं। माँ की इस अपार महिमा को और अधिक महसूस करने के लिए “[माँ के दरबार की शान निराली]” जैसे भजन भी मन को भक्तिभाव से भर देते हैं। माँ का आशीर्वाद सभी पर बना रहे, जय माता दी! ????????

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