मैया के हाथां में रचावा मेहंदी राचणी

माँ का हर रूप भक्तों के लिए आनंद और शुभता का प्रतीक होता है, और जब उनके हाथों में मेहंदी रचती है, तो यह सौभाग्य और मंगलकारी आशीर्वाद का संकेत बन जाता है। मैया के हाथां में रचावा मेहंदी राचणी भजन में माँ की इस सौम्य और सुंदर छवि का वर्णन किया गया है, जहाँ भक्त उन्हें श्रृंगार से सुसज्जित देखकर भाव-विभोर हो जाता है। आइए, इस भजन के माध्यम से माँ के दिव्य सौंदर्य और कृपा का गुणगान करें।

Maiya Ke Hathan Men Rachava Mehandi Rachari

मैया के हाथां में,
रचावा मेहंदी राचणी,
चांदी की चौकी पर बिठावा जी,
चांदी की चौकी पर बिठावा जी,
रचावा मेहंदी राचणी,
मईया के हाथा में,
रचावा मेहंदी राचणी।1।

सर्व सुहागन मिलके आओ,
करके सगरी तैयारी जी,
गंगा जल सु चरण पखारो,
घोलो मेहंदी प्यारी जी,
मईया के हाथा में मंडावा जी,
मईया के हाथा में मंडावा जी,
रचावा मेहंदी राचणी,
मईया के हाथा में,
रचावा मेहंदी राचणी।2।

रोली लाल मोली लाल,
लाल चुनरी प्यारी जी,
चुडो लाल कब्जो लाल,
लाल जरी की साड़ी जी,
लाल से लाल रंग मिलावा जी,
लाल से लाल रंग मिलावा जी,
रचावा मेहंदी राचणी,
मईया के हाथा में,
रचावा मेहंदी राचणी।3।

लाल सुरंगी मेहंदी माँ के,
हाथा ऐसी राचे जी,
सूरज की लाली भी आके,
आगे फीकी लागे जी,
लाली की सोभा ने बढ़ावा जी,
लाली की सोभा ने बढ़ावा जी,
रचावा मेहंदी राचणी,
मईया के हाथा में,
रचावा मेहंदी राचणी।4।

लखदातार दयालु म्हारी,
झुंझन वाली दादी जी,
बेटा पोता अनधन दीन्ही,
कोई कमी ना राखी जी,
मन का चाया दादी से पावा जी,
मन का चाया दादी से पावा जी,
रचावा मेहंदी राचणी,
मईया के हाथा में,
रचावा मेहंदी राचणी।5।

मैया के हाथां में,
रचावा मेहंदी राचणी,
चांदी की चौकी पर बिठावा जी,
चांदी की चौकी पर बिठावा जी,
रचावा मेहंदी राचणी,
मईया के हाथा में,
रचावा मेहंदी राचणी।6।

जब माँ के हाथों में मेहंदी रचती है, तो यह उनके प्रेम, करुणा और सौभाग्य का प्रतीक बन जाती है, जिससे हर भक्त का जीवन आनंदमय हो उठता है। मैया के हाथां में रचावा मेहंदी राचणी भजन माँ की इसी अलौकिक छवि को दर्शाता है। यदि यह भजन आपको माँ के प्रेम और आशीर्वाद का अनुभव कराता है, तो “माँ लक्ष्मी करो कृपा, अब और ना तरसाओ” भजन भी अवश्य करे, जिसमें माँ लक्ष्मी से कृपा बरसाने की भक्तिपूर्ण प्रार्थना की गई है।

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