मैया के दर पे मुझे जाना है – भजन लिरिक्स

मैया के दर पे मुझे जाना है भजन हर भक्त की उस भावना को दर्शाता है, जब वह माँ के दरबार में जाने की तड़प महसूस करता है। माँ दुर्गा का दरबार श्रद्धालुओं के लिए आस्था और शक्ति का स्रोत है, जहाँ जाने मात्र से मन को असीम शांति मिलती है। इस भजन में माँ के दर्शन की लालसा और उनके चरणों में सिर झुकाने की प्रबल इच्छा का सुंदर चित्रण किया गया है

Maiya Ke Dar Pe Mujhe Jana Hai

जिसका मुझे था इंतजार,
जिसके लिए दिल था बेकरार,
वो घड़ी आ गई आ गई आज,
मैया के दर पे मुझे जाना है,
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है।1।

बरषों से मुझको आस लगी थी,
तेरे दरश की प्यास जगी थी,
आ ना पाया माता मैं तेरे दरबार में,
भूला हुआ था मैं पापी संसार में,
वो घड़ी आ गई आ गई आज,
बादल दुखों के ये छट जाना है,
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है।2।

सारे जमाने ने मुझको सताया,
दुख में न कोई मेरे काम आया,
फिरता हूँ दुनिया में मैं मारा मारा,
अब तो है केवल तुम्हारा सहारा,
वो घड़ी आ गई आ गई जब,
इस दिल ने तूझको ही पहचाना है,
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है।3।

माँ मेरी इच्छा पूरण करदो,
खुशियों से मेरी भी झोली भरदो,
तुम अपना जलवा मुझे भी दिखाओ माँ,
चरणों का सेवक मुझे भी बनाओ माँ,
वो घड़ी आ गई आ गई,
भव सिंधु से मुझको तर जाना है,
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है।4।

जिसका मुझे था इंतजार,
जिसके लिए दिल था बेकरार,
वो घड़ी आ गई आ गई आज,
मैया के दर पे मुझे जाना है,
आज मैया के दर्शन मुझे पाना है।5।

माँ के दरबार में जो भी श्रद्धा से जाता है, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता। माँ अपनी कृपा की छाँव में हर भक्त को आश्रय देती हैं और उनके जीवन को सुख-समृद्धि से भर देती हैं। यदि आप माँ की भक्ति में और अधिक डूबना चाहते हैं, तो “[मैया तेरे भरोसे मेरा परिवार है]” जैसे भजनों को भी जरूर सुनें और माँ की महिमा का गुणगान करें। जय माता दी! 🙏✨

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