मैया भुवना तुम्हार आल्हा ने झंडा गड़ा दये

मैया भुवना तुम्हार आल्हा ने झंडा गड़ा दये एक भक्तिपूर्ण भजन है जो माँ भुवनेश्वरी की महिमा का गुणगान करता है। यह भजन उस भक्ति और विश्वास को दर्शाता है, जो भक्तजन माँ के प्रति रखते हैं। आल्हा और उदल जैसे महान वीरों की भक्ति माँ के प्रति अटूट थी, और इसी भक्ति का प्रतीक यह भजन हमें माँ के प्रति संपूर्ण समर्पण की प्रेरणा देता है।

Maiya Bhuwana Tumhar Aalha Ne Jhanda Gada Daye

मैया भुवना तुम्हार,
मैया भुवनां तुम्हार,
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।

नौ दिन मैया की ज्योति जलाई,
नरियल निबुआ की भेंटे चढ़ाई,
हमरी सुनियो पुकार,
हमरी सुनियो पुकार,
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।

लाल टिकी लाल महावर चढ़ा रहे,
गोटा जड़ी लाल चुनरी उड़ा रहे,
माँ को कर दयो सिंगार,
माँ को कर दयो सिंगार,
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।

चंपा चमेली के हार बनाये,
हलुआ पूड़ी के भोग लगाएं,
माई करियो स्वीकार,
माई करियो स्वीकार,
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।

शिव शंकर तेरो ध्यान लगाये,
ब्रम्हा विष्णु भेद न पाये,
माँ की महिमा अपार,
माँ की महिमा अपार,
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।

तीन लोक चौदह भुवनों में,
शीश धरे तुम्हरे चरणों में,
खूब हो रही जयकार,
खूब हो रही जयकार,
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।

मेहर करो माँ मैहर वाली,
‘पदम्’ खड़ो है द्वारे सवाली,
दरश दे दो एक बार,
दरश दे दो एक बार,
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।

मैया भुवना तुम्हार,
मैया भुवनां तुम्हार,
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।

गायक / प्रेषक – डालचंद कुशवाह पदम।

माँ की महिमा अनंत है, और उनका आशीर्वाद सच्चे भक्तों को कभी निराश नहीं करता। जब भक्त पूरी श्रद्धा से माँ का स्मरण करते हैं, तो माँ उनके जीवन को सफल बना देती हैं। अगर आपको यह भजन पसंद आया, तो “शेर पे सवार होके आजा शेरावालिये” और “बिगड़ी बनाने आजा एक बार मेरी मैया” जैसे अन्य भजनों को भी अवश्य सुनें और माँ की भक्ति में डूब जाएँ। जय माता दी! 🙏✨

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