भक्त का सबसे बड़ा सौभाग्य तब होता है जब वह अपने इष्टदेव के दरबार में हाजिरी लगा सके। मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना, तू यूँ ही बुलाना दातिए भजन इसी भक्तिपूर्ण भावना को दर्शाता है। जब माँ की कृपा होती है, तो वह अपने भक्तों को कभी भी अपने दर से खाली नहीं लौटने देतीं। इस भजन के भावपूर्ण शब्द हमें माँ की असीम दया और प्रेम की अनुभूति कराते हैं, जो हर पल अपने भक्तों की सुध लेती हैं।
Mai Chahu Sada Dar Tere Aana Tu Yun Hi Bulana Datiye Bhajan Lyrics
मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,
तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
मै चाहूं सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए।।
तेरी चोखट शीश झुकाना,
आस है तेरा दर्शन पाना,
कभी तू भी मेरे घर आना जाना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
मै चाहूं सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए।।
रहूँ मैं सुमिरण तेरा,
कोई नहीं इस जग में मेरा,
कट जाए चौरासी वाला फेरा,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
मै चाहूं सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए।।
तेरे चरणों में रम जाऊं,
और कहीं अब क्यों मैं जाऊं,
मैं तो बन गया तेरा माँ दीवाना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
मै चाहूं सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए।।
‘शान’ पे नजरे तेरी निगाहें,
‘जीत’ की मैया थामो बाहें,
अपने ‘योगी’ को चरणों से लगाना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
मै चाहूं सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए।।
मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,
तेरा दर ही तो सबका ठिकाना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,
मै चाहूं सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए।।
माँ के दरबार में जो सच्चे मन से आता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है। यह भजन हमें माँ से जुड़ने और उनकी कृपा पाने का एक सुंदर मार्ग दिखाता है। अगर यह भजन आपको पसंद आया, तो आप हमारे अन्य भक्तिमय भजनों को भी पढ़ सकते हैं, जैसे “नैया चलाती हूँ मैं बिगड़ी बनाती हूँ माता” या “जब से तेरे दर पे आया, तूने इतना प्यार लुटाया”। माँ की भक्ति से जुड़े और भी खूबसूरत भजनों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। जय माता दी!