भक्त और माँ का रिश्ता अटूट होता है, लेकिन जब जीवन में दुख और कष्ट आते हैं, तो भक्त का मन व्याकुल हो उठता है। माँ तू हमको रुलाए क्यों, हमको पराया बनाए क्यों भजन इसी भावना को प्रकट करता है। यह भजन एक भक्त की पुकार है, जो माँ से पूछ रहा है कि जब वह उन्हीं का है, तो उसे दुख और कठिनाइयों में क्यों डाला जा रहा है। यह भजन भक्त और माँ के बीच एक आत्मीय संवाद को दर्शाता है।
Maa Too Hamko Rulae Kyu Hamko Paraya Banae
माँ नौ दिन बनी दुल्हनिया,
जिनकी सेवा में दुनिया,
होके चली है तू विदा,
हमको रही क्यों रुला,
माँ तू हमको रुलाए,
क्यों हमको पराया बनाए।1।
नवरात्रि में 9 दिन मैया,
सारे रूप दिखाएं,
कन्या बनकर घर-घर तू ही,
कन्या भोजन खाए,
आके फिर न ज,
हाथ ना ऐसे छुड़ा,
मां तू हमको रुलाए,
क्यों हमको पराया बनाए।2।
रोते रोते भक्त तुम्हारे,
तेरी करें विदाई,
तेरी आरती करते मैया,
आँख मेरी भर आई,
लेना लकी को छुपा,
और न ऐसे तड़पा,
मां तू हमको रुलाए,
क्यों हमको पराया बनाए।3।
माँ नौ दिन बनी दुल्हनिया,
जिनकी सेवा में दुनिया,
होके चली है तू विदा,
हमको रही क्यों रुला,
माँ तू हमको रुलाए,
क्यों हमको पराया बनाए।4।
“माँ तू हमको रुलाए क्यों, हमको पराया बनाए क्यों” भजन भक्त के हृदय की गहराई से निकली पुकार है, जो माँ से अपने प्रेम और स्नेह की पुनः अनुभूति चाहता है। माँ कभी अपने भक्तों से दूर नहीं होतीं, वे सदा उनकी रक्षा करती हैं। माँ की इस असीम कृपा को और अधिक महसूस करने के लिए “[माँ की गोद ही सच्चा सहारा]” जैसे भजन भी भक्तों के मन को शांति और संतोष प्रदान करते हैं। माँ का आशीर्वाद सदा बना रहे, जय माता दी! ????????

मैं मां दुर्गा की आराधना व पूजा-पाठ में गहरी आस्था रखती हूं। प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करती हूं और मां दुर्गा से जुड़े शक्तिशाली मंत्र, दिव्य आरती, चालीसा एवं अन्य पवित्र धार्मिक सामग्री भक्तों के साथ साझा करती हूं। मेरा उद्देश्य श्रद्धालुओं को सही पूजा विधि सिखाना और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित कर कृपा प्राप्त करने में सहायक बनना है। View Profile