माँ दिल के इतने करीब है तू जिधर भी देखूं नज़र तू आए लिरिक्स

माँ की भक्ति में ऐसा विश्वास होता है कि वो हमारे हर कदम, हर साँस में बसी होती हैं। जब भी हम आँखें बंद करते हैं, माँ की छवि दिल के करीब महसूस होती है। माँ दिल के इतने करीब है तू जिधर भी देखूं नज़र तू आए भजन इसी अटूट आस्था को व्यक्त करता है। यह भजन माँ की कृपा, ममता और सर्वव्यापकता का अद्भुत गुणगान करता है।

Maa Dil Ke Itne Karib Hai Tu Jidhar Bhi Dekhun Najar Tu Aaye Lyrics

माँ दिल के इतने करीब है तू,
जिधर भी देखूं नज़र तू आए,
जो आँखे बंद करके माँ मैं देखूं,
तू ही तू मैया नज़र है आए,
मां दिल के इतने करीब है तू,
जिधर भी देखूं नज़र तू आए।।

कोई है राजा है कोई भिखारी,
ये कैसी लीला है माँ तुम्हारी,
किसी को तरसाए एक दाना,
कही पे भंडार तू लगाए,
मां दिल के इतने करीब है तू,
जिधर भी देखूं नज़र तू आए।।

रोजाना दर पे लगे है मेले,
नसीब वाले तो जय माँ बोले,
कोई माँ लाया है तेरा चोला,
किसी की आँखों में नीर आए,
मां दिल के इतने करीब है तू,
जिधर भी देखूं नज़र तू आए।।

कोई माँ सोने का हार लाया,
माँ कोई चांदी का छत्र लाया,
किसी ने चुनरी है माँ चढ़ाई,
कोई तो बदहाल दर पे आए,
मां दिल के इतने करीब है तू,
जिधर भी देखूं नज़र तू आए।।

माँ दिल के इतने करीब है तू,
जिधर भी देखूं नज़र तू आए,
जो आँखे बंद करके माँ मैं देखूं,
तू ही तू मैया नज़र है आए,
मां दिल के इतने करीब है तू,
जिधर भी देखूं नज़र तू आए।।

“माँ दिल के इतने करीब है” भजन हमें यह अहसास कराता है कि माँ हमारे हर दुख-सुख में हमारे साथ हैं। उनकी भक्ति हमें हर परेशानी से उबार सकती है। अगर आपको यह भजन पसंद आया हो, तो “सजा दो दर को फूलों से माँ का नवरात आया है” और “मैं आयी ड्योढ़ी में माता रानी” जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी जरूर सुनें और माँ की महिमा का गुणगान करें।

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