माँ दुर्गा की सजीव छवि जब भक्तों के मन में उतरती है, तो उनकी आराधना और भी मधुर हो जाती है। माँ की लाल चुनरी, जो शक्ति और मंगल का प्रतीक है, भक्तों को ऐसा एहसास कराती है मानो स्वयं तारे उस पावन आंचल की शोभा बढ़ा रहे हों। लगती है सुहानी माँ तेरी तारा री चुनरी भजन माँ की दिव्य छवि और उनके अलौकिक सौंदर्य का गुणगान करता है, जो भक्तों के हृदय को आनंद और श्रद्धा से भर देता है। आइए, इस भक्तिमय भाव में डूबकर माँ की महिमा का गुणगान करें।
Lagti Hai Suhani Teri Tara Ri Chunari
चुनरी प्यारी चुनरी,
न्यारी चुनरी,
वाह री चुनरी,
लगती है सुहानी माँ तेरी,
तारा री चुनरी।1।
सर पे सदा रहती पड़ी,
वो शीश पे गंगा जैसे,
शिव के चढ़ी,
हीरे और मोती और माणिक,
रत्नों से जड़ी,
लगती है सुहानी मां तेरी,
तारा री चुनरी।2।
कर देता है मन को निहाल,
मां तेरी चुनरी का लाल रंग,
ये रंग बेमिसाल,
शहरों में और गलियों में और गाँवों में,
है चर्चा बड़ी,
लगती है सुहानी मां तेरी,
तारा री चुनरी।3।
बूटे लगे किनारी सजी,
चुनरी में फूलों की मां,
फुलवारी सजी,
महके रह रह के जिसमे से,
खुशबू हर घड़ी,
लगती है सुहानी मां तेरी,
तारा री चुनरी।4।
इठला रही बलखा रही,
‘लक्खा’ चुनरी मां की,
‘बेधड़क’ लहरा रही,
सुंदर आहा सुंदर प्यारी सुंदर,
देवताओं गढ़ी,
लगती है सुहानी मां तेरी,
तारा री चुनरी।5।
चुनरी प्यारी चुनरी,
न्यारी चुनरी,
वाह री चुनरी,
लगती है सुहानी माँ तेरी,
तारा री चुनरी।6।
माँ की चुनरी केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि उनकी कृपा और सुरक्षा का प्रतीक है, जो हर भक्त को अपने स्नेह में समेट लेती है। लगती है सुहानी माँ तेरी तारा री चुनरी भजन माँ की दिव्यता और भक्तों के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है। यदि यह भजन आपको भक्ति-रस से भर देता है, तो “ओढ़े लाल चुनरिया मैया चली आई रे” भजन भी अवश्य करे, जिसमें माँ की ममता और उनकी छवि का अद्भुत वर्णन किया गया है।

मैं मां दुर्गा की आराधना व पूजा-पाठ में गहरी आस्था रखती हूं। प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करती हूं और मां दुर्गा से जुड़े शक्तिशाली मंत्र, दिव्य आरती, चालीसा एवं अन्य पवित्र धार्मिक सामग्री भक्तों के साथ साझा करती हूं। मेरा उद्देश्य श्रद्धालुओं को सही पूजा विधि सिखाना और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित कर कृपा प्राप्त करने में सहायक बनना है। View Profile