कुण मांडी दादी हाथा में मेहंदी थारे सोवणी लिरिक्स

राजस्थानी भक्ति भजनों की मधुर धुन और भावनाओं से भरे शब्द भक्तों के हृदय को आनंदित कर देते हैं। कुण मांडी दादी हाथा में मेहंदी थारे सोवणी भजन माँ के प्रेम, सौंदर्य और आशीर्वाद का गुणगान करता है। यह भजन माँ की महिमा का बखान करता है, जो अपने भक्तों को हमेशा स्नेह और सुरक्षा प्रदान करती हैं।

Kun Mandi Dadi Hatha Me Mehndi Thare Sovani

कुण मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी,
सूरज की लाली ज्यूँ चमके,
सूरज की लाली ज्यूँ चमके,
मेहंदी माँ मन मोहणी,
कुन मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी।1।

चांदी चौकी बैठ्या मायड़,
गुलबनड़ी सा लागो,
लाल सुरंगी रची हथेल्या,
लाल सुरंगी रची हथेल्या,
मनड़ो मोवे मावड़ी,
कुन मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी।2।

ऐसो रंग चढ़्यो हाथां में,
चंदो भी शरमावे,
निजर हटे ना हाथां सु माँ,
निजर हटे ना हाथां सु माँ,
मेहंदी राची राचणी,
कुन मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी।3।

घणे चाव सु सर्व सुहागन,
थारा हाथ रचाए,
हाथा माहि बेल और पत्ते,
हाथा माहि बेल और पत्ते,
लागे है मन भावणी,
कुन मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी।4।

तू बड़भागन ‘स्वाति’ तेरे,
घर में दादी आई,
‘हर्ष’ कवे तक़दीर जगा द्यो,
‘हर्ष’ कवे तक़दीर जगा द्यो,
मेरी भी नारायणी,
कुन मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी।5।

कुण मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी,
सूरज की लाली ज्यूँ चमके,
मेहंदी माँ मन मोहणी,
कुन मांडी दादी,
हाथा में मेहंदी थारे सोवणी।6।

माँ दादी की महिमा अपरंपार है, उनका स्नेह भक्तों को जीवनभर मार्गदर्शन देता है। “कुण मांडी दादी हाथा में मेहंदी थारे सोवणी” भजन माँ के भक्तों के अटूट विश्वास और श्रद्धा को प्रकट करता है। यदि यह भजन आपको भक्तिमय आनंद दे रहा है, तो “[आ गए तेरे द्वार मैया जी हम आ गए]” जैसे अन्य भक्ति भजनों को भी अवश्य सुनें और माँ की कृपा प्राप्त करें। जय मातादी! ????✨

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