किसने रचाई मेहंदी हाथो में माता भजन लिरिक्स

किसने रचाई मेहंदी हाथों में भजन माँ की ममता और कृपा का सुंदर वर्णन करता है। जब भक्त माँ की शरण में आते हैं, तो उनकी हर मनोकामना पूरी होती है, और जीवन खुशियों से भर जाता है। माँ का प्रेम ठीक उसी तरह है जैसे कोई अपनी संतान के हाथों में स्नेह से मेहंदी रचाता है, जो सुंदरता और शुभता का प्रतीक है।

Kisne Rachai Mehndi Hatho Mien Mata Bhajan Lyrics

किसने रचाई मेहंदी हाथो में,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे।।

लाल लाल तेरी चुनड़ियाँ,
लाल लाल तेरी रोली है,
लाल लाल खनके चुड़ला,
लाल कसुमल मूली है,
किसने लगाया काजल आँखों में,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे।।

रंग बिरंगे फूलो से,
किसने तुझे सजाया है,
महक उठा दरबार तेरा,
किसने इत्र लगाया है,
किसने पेहराई पायल पाँव में,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे।।

‘श्याम’ तेरे भक्तो ने माँ,
सूंदर खूब सजाया है,
रोली मोली लाल चूड़ा,
गजरा तुझे पहनाया है,
नजरा उतरो जरा साथ में,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे।।

किसने रचाई मेहंदी हाथो में,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे,
तेरा किसने किया श्रृंगार,
दरबार प्यारा लागे रे।।

माँ की कृपा से जीवन संवर जाता है, ठीक वैसे ही जैसे मेहंदी के रंग से हाथ खिल उठते हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से माँ को पुकारता है, उसकी झोली खुशियों से भर जाती है। यह भजन हमें माँ के प्रति श्रद्धा और विश्वास को और मजबूत करने का संदेश देता है।

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