कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके चली आना भजन लिरिक्स

कभी दुर्गा बनके कभी काली बनके चली आना माँ यह भजन माँ की विभिन्न शक्तियों और रूपों का गुणगान करता है। जब भक्त संकट में होते हैं, तो वे माँ दुर्गा से रक्षा की प्रार्थना करते हैं और जब अधर्म बढ़ता है, तब माँ काली अपने प्रचंड रूप में दुष्टों का संहार करती हैं। यह भजन माँ के असीम प्रेम और शक्ति दोनों का प्रतीक है, जो भक्तों को जीवन के हर मोड़ पर संबल देती हैं।

Kabhi Durga Banake Kabhi Kali Banake Chali Aana Bhajan Lyrics

कभी दुर्गा बनके,
कभी काली बनके,
चली आना,
मैया जी चली आना।।

ब्रम्हचारिणी रूप में आना,
ब्रम्हचारिणी रूप में आना,
भक्ति हाथ ले के,
शक्ति साथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना।।

तुम दुर्गा रूप में आना,
तुम दुर्गा रूप में आना,
सिंह साथ ले के,
चक्र हाथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना।।

तुम काली रूप में आना,
तुम काली रूप में आना,
खप्पर हाथ ले के,
योगिनी साथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना।।

तुम शीतला रूप में आना,
तुम शीतला रूप में आना,
झाड़ू हाथ ले के,
गधा साथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना।।

तुम गौरा के रूप में आना,
तुम गौरा के रूप में आना,
माला हाथ ले के,
गणपति साथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना।।

कभी दुर्गा बनके,
कभी काली बनके,
चली आना,
मैया जी चली आना।।

माँ की कृपा और शक्ति का कोई अंत नहीं है। जब भक्त सच्चे मन से माँ को पुकारते हैं, तो माँ कभी दुर्गा बनकर उनकी रक्षा करती हैं और कभी काली बनकर उनके सारे दुखों और संकटों का नाश कर देती हैं। इस भजन को गाकर हम माँ की अनंत कृपा का अनुभव कर सकते हैं और उनके प्रति अपनी भक्ति प्रकट कर सकते हैं।

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