झुँझन वाली गाडी में घुमाय ल्याऊं

भक्त और माँ का प्रेम अनोखा होता है—कभी श्रद्धा से भरा, तो कभी बाल सुलभ प्रेम से सराबोर। झुँझन वाली गाड़ी में घुमाय ल्याऊं भजन इसी स्नेहिल भाव को प्रकट करता है, जहाँ भक्त माँ को अपने साथ आनंद की सवारी पर ले जाने की बात करता है। यह भजन माँ के प्रति आत्मीयता और निकटता को दर्शाता है, मानो भक्त माँ को अपने जीवन के हर छोटे-बड़े पल में शामिल करना चाहता है।

Jhujhan Wali Gadi Me Ghumay Lyaun

झुँझन वाली गाडी में घुमाय ल्याऊं,
चालो चालो जी चालो चालो जी,
थाने दादी से मिलाय ल्याऊं,
झुंझुनूं वाली गाडी में घुमाय ल्याऊं।1।

झटपट खटपट टिकट कटा ल्यो,
छूट ज्यावेगी गाडी,
ई गाडी में बैठणीया ने,
मिलज्यावेगी लाडी,
चालो चालो थारी चालो चालो थारी,
जोड़ी जुड़वाय ल्याऊं,
झुंझुनूं वाली गाडी में घुमाय ल्याऊं।2।

छुक छुक गाडी चाल पड़ी है,
आज्या ए बड़भागण,
दादीजी की किरपा से तू,
रहवै सदा सुहागण,
चालो चालो थारो चालो चालो थारो,
चुड़लो अमर कराय ल्याऊं,
झुंझुनूं वाली गाडी में घुमाय ल्याऊं।3।

नाच कुदतो मस्ती में जो,
ई गाडी में बैठे,
ऊणकी गाडी सरपट भागै,
कदे न ठालो बैठे,
चालो चालो थारी चालो चालो थारी,
किस्मत चमकवाय ल्याऊं,
झुंझुनूं वाली गाडी में घुमाय ल्याऊं।4।

खड़या खड़या के सोच रहया हो,
डीक रही सेठाणी,
एक बर गाडी छूट गई तो,
फेर के आणी जाणी,
चालो चालो थाने चालो चालो थाने,
दर्शण कराय ल्याऊं,
झुंझुनूं वाली गाडी में घुमाय ल्याऊं।5।

भग्तां के संग अम्बरीष बोले,
गाडी छूट न ज्यावै,
थारी दया से म्हारी गाडी,
आगै बढ़ती जावै,
चालो चालो थारो चालो चालो थारो,
मंगळ कराय ल्याऊं,
झुंझुनूं वाली गाडी में घुमाय ल्याऊं।6।

झुँझन वाली गाडी में घुमाय ल्याऊं,
चालो चालो जी चालो चालो जी,
थाने दादी से मिलाय ल्याऊं,
झुंझुनूं वाली गाडी में घुमाय ल्याऊं।7।

“झुँझन वाली गाड़ी में घुमाय ल्याऊं” भजन माँ के साथ एक सरल, आत्मीय और आनंदमय संबंध को दर्शाता है। माँ सिर्फ शक्ति और करुणा की देवी ही नहीं, बल्कि हर भक्त के जीवन की सबसे प्यारी संगिनी भी हैं। माँ की इस मधुर भक्ति को और प्रगाढ़ करने के लिए “[चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है]” जैसे भजन भी आत्मा को भक्ति के आनंद में डुबो देते हैं। माँ की कृपा हम सभी पर बनी रहे, जय माता दी! ????????

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