ज्ञानी को देती माँ ज्ञान अपार शारदा माँ भजन लिरिक्स

Gyani Ko Deti Maa Gyan Apar Sharda Maa Bhajan Lyrics

ज्ञानी को देती माँ ज्ञान अपार,
भक्तों के भर देती है भँडार,
महिमा निराली है,
तेरी शारद मैया,
सबसे निराली है,
मेरी शारद मैया।।

हँस की सवारी,
मेरी माता जी लगती है प्यारी,
भक्तों पे अपने मैया,
होती खास निगाहें तुम्हारी,
शान तेरी ओ मात मेरी,
जग मे निराली है,
मेरी शारद मैया,
सबसे निराली है,
मेरी शारद मैया।।

तेरी दया माँ हो तो,
गूँगा भी माँ सुर मे है बोले,
छेड़े वो तान निराली,
हो के मस्त मगन जग मे डोले,
फिर वो कहे सबसे यही,
महिमा तुम्हारी है,
मेरी शारद मैया,
सबसे निराली है,
मेरी शारद मैया।।

जो दर पे तेरे आए,
माँ मन की मुरादें वो पाए,
महिमा है माँ तेरे दर की,
कोई दर से नहीं खाली जाए,
करदे दया माँ ‘शिव’ पर भी,
शरण तुम्हारी है,
मेरी शारद मैया,
सबसे निराली है,
मेरी शारद मैया।।

ज्ञानी को देती माँ ज्ञान अपार,
भक्तों के भर देती है भँडार,
महिमा निराली है,
तेरी शारद मैया,
सबसे निराली है,
मेरी शारद मैया।।

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