गाओ रे झूमो रे नाचो रे गाओ आईं है मैया अंगनवा हमारे

गाओ रे झूमो रे नाचो रे गाओ आईं है मैया अंगनवा हमारे भजन माँ के आगमन की खुशी को दर्शाता है। जब भक्तों के आँगन में माँ पधारती हैं, तो हर ओर उल्लास और भक्ति का माहौल छा जाता है। यह भजन भक्तों को आनंदित कर देता है और उनके मन में माँ के प्रति प्रेम और श्रद्धा को और गहरा कर देता है।

Gao Re Jhumo Re Nacho Re Gao Aayi Hai Maiya Anganva Humare

गाओ रे झूमो रे नाचो रे गाओ,
आईं है मैया अंगनवा हमारे,
गाओ झूम झूम के,
नाचो झूम झूम के।।

सिंघ पे बैठी आई भवानी,
करने हमारे अंगनवा मेहमानी,
दर्शन से नैया लगेगी किनारे,
गाओ झूम झूम के,
नाचो झूम झूम के।।

हाथो में मेहदी लगे है सुहानी,
हीरा जड़ी मुंदरी पहने भवानी,
नाना रतन मैया ने अंग धारे,
गाओ झूम झूम के,
नाचो झूम झूम के।।

कानो में बाला गले फूल माला,
कम्मर में डोरा है पहने भवानी,
लाल लाल चुनरी में मीना सितारे,
गाओ झूम झूम के,
नाचो झूम झूम के।।

घर घर के अंगना डले माँ के पलना,
चंदन के पलना में झूले भवानी,
दर्शन कर मैया के राजेन्द्र न हारे,
गाओ झूम झूम के,
नाचो झूम झूम के।।

गाओ रे झूमो रे नाचो रे गाओ,
आईं है मैया अंगनवा हमारे,
गाओ झूम झूम के,
नाचो झूम झूम के।।

गीतकार/गायक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।

माँ के आगमन की खुशी को मनाने का सबसे अच्छा तरीका भजन-कीर्तन है। जब भक्त प्रेमपूर्वक माँ का गुणगान करते हैं, तो उनके जीवन से सारे दुख और कष्ट स्वतः ही दूर हो जाते हैं। यदि यह भजन आपको भक्तिरस से भर देता है, तो “शेर पे सवार होके आजा शेरावालिये” और “बच्चों से कभी मैया यूँ रहती दूर नहीं” जैसे अन्य भजनों को भी अवश्य सुनें और माँ की महिमा का गुणगान करें। जय माता दी! 🙏🚩

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