“देवरो सती को म्हाने प्यारो लागे” भजन राणीसती माता की महिमा और उनके प्रति असीम श्रद्धा को दर्शाता है। यह भजन उन भक्तों के दिलों में गूंजता है, जो राणीसती माता के प्रति अपनी प्रगाढ़ भक्ति और प्रेम को व्यक्त करते हैं। माता राणीसती के अद्भुत रूप और शक्ति के कारण, यह भजन हर भक्त के दिल में विश्वास और श्रद्धा को और भी प्रगाढ़ करता है। आइए, हम इस भजन के माध्यम से राणीसती माता के चरणों में श्रद्धा अर्पित करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को और भी सुशोभित करें।
Devro Sati Ko Mhane Pyaro Lage Ranisati Bhajan Lyrics
जठे बैठी सती रानी श्यानी,
झुंझुनू धिराणी दानी,
गगन धारा में तो नगाड़ा बाजे,
देवरो सती को म्हाने प्यारो लागे,
बैठी माता देवरे में,
ओढ़ चुनरिया लाल जी,
नौबत शंख नगाड़ा बाजे,
गाओ दे दे ताल जी,
तू तो सारे जग की माता,
बन बैठि भाग्य विधाता,
थारो भादवे की मावस ने मेलो लागे,
देवरों सती को म्हाने प्यारो लागे।।
घननन घननन घंटा बाजे,
कोसा शब्द सुने है,
पंडितजन पैडया पर बैठा,
मंगल मंत्र गुने है,
बठै नाचे मोर पपहिया,
जय जयकार करे है मैया,
मन झुंझुनूं तो,
गांव में जी म्हारो लागे,
देवरो सती को म्हाने प्यारो लागे।।
लाल पताका उड़े गगन में,
लहर लहर लहरावे जी,
मकराने को बण्यो देवरो,
भक्ता के मन भावे जी,
यो तो दमदमाट दमके,
उगते सूरज माही चमके,
जठे जागरण रोज तिहारो जागे,
देवरो सती को म्हाने प्यारो लागे।।
जब जब भीड़ पड़े भक्ता पे,
सिंह चढ़ी तू आवे जी,
खड़ग त्रिशूल ले हाथ में माता,
आकर लाज बचावे जी,
जो कोई माँ ने ध्यावे,
वो तो मन इच्छा फल पावे,
‘इन्दर’ भक्ति को ज्ञान वठे ही जागे,
देवरो सती को म्हाने प्यारो लागे।।
“देवरो सती को म्हाने प्यारो लागे” भजन माता राणीसती की शक्ति और भक्ति की महिमा का बखान करता है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि भक्ति में सच्चे दिल से आस्था और प्रेम होने पर जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है। राणीसती माता के चरणों में जो भक्त अपनी आस्था समर्पित करता है, उसके जीवन में कोई विघ्न नहीं आता। अगर आपको यह भजन पसंद आया हो, तो आप “राणीसती माता के भजन”, “सती माँ की भक्ति”, और “देवी राणी के आशीर्वाद” जैसे अन्य भजनों का भी आनंद ले सकते हैं, जो माँ के साथ जुड़ने और उनके आशीर्वाद को महसूस करने की प्रेरणा देते हैं। जय राणीसती माता!