चुनरी उढ़ा के मैं भी मालामाल हो गया भजन लिरिक्स

चुनरी उढ़ा के मैं भी मालामाल हो गया भजन माँ की कृपा और आशीर्वाद का सुंदर वर्णन करता है। जब भक्त सच्चे मन से माँ की शरण में आता है और श्रद्धा से उनकी चुनरी ओढ़ता है, तो उसकी किस्मत संवर जाती है। माँ अपने भक्तों को न सिर्फ आध्यात्मिक शांति देती हैं बल्कि उनके जीवन में सुख-समृद्धि भी लाती हैं। यह भजन माँ के प्रेम और उनकी असीम कृपा का एहसास कराता है, जिससे मन भक्ति में डूब जाता है।

Chunari Uda Ke Main Bhi Malamal Ho Gaya Bhajan Lyrics

मेहंदी लगाई तुझको,
और मैं लाल हो गया,
चुनरी उढ़ा के मैं भी,
मालामाल हो गया,
चुनड़ी उढ़ा के मैं भी,
मालामाल हो गया।।

जब से मेरी मैया से,
पहचान हो गई,
राहों की मुश्किलें सभी,
आसान हो गई,
जीवन का सारा ख़त्म ही,
जंजाल हो गया,
चुनड़ी उढ़ा के मैं भी,
मालामाल हो गया।।

मेहंदी लगाने के लिए,
मैया ने बुलाया,
जैसे ही मेरी और,
अपना हाथ बढ़ाया,
ऐसा नजारा देख मैं,
निहाल हो गया,
चुनड़ी उढ़ा के मैं भी,
मालामाल हो गया।।

सोचा भी नही था वो,
माँ ने काम कर दिया,
मुझ दीन पे इतना बड़ा,
एहसान कर दिया,
सपना था जो जीवन का,
वो साकार हो गया,
चुनड़ी उढ़ा के मैं भी,
मालामाल हो गया।।

चुनड़ी है कभी तो,
कभी मेहंदी है बहाना,
‘सोनू’ हमारा काम है,
मैया को रिझाना,
मैं देखते ही रह गया,
कमाल हो गया,
चुनड़ी उढ़ा के मैं भी,
मालामाल हो गया।।

मेहंदी लगाई तुझको,
और मैं लाल हो गया,
चुनरी उढ़ा के मैं भी,
मालामाल हो गया,
चुनड़ी उढ़ा के मैं भी,
मालामाल हो गया।।

माँ की चुनरी सिर्फ एक वस्त्र नहीं, बल्कि उनकी कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक है। माँ की भक्ति में डूबने के लिए “ओढ़ चुनरिया न्यारी न्यारी लागे माँ” और “माँ तेरे दरबार झुके सारा संसार” जैसे भजनों का पाठ करें। माँ दुर्गा की कृपा सभी पर बनी रहे, जय माता दी!

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