चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी भजन लिरिक्स

चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी यह भजन माँ दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की महिमा का वर्णन करता है। माता चंद्रघंटा अपने भक्तों की सभी बाधाओं को दूर करती हैं और जीवन में शांति, साहस और विजय का आशीर्वाद देती हैं। यह भजन श्रद्धा और भक्ति से भरा हुआ है, जिससे हर भक्त माँ की कृपा का अनुभव करता है।

Chandraghanta Maa Se Arji Meri Bhajan Lyrics

चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी।

दस हाथ सुशोभित है,
दस भुजा सुशोभित है,
सोने सा रूप तेरा,
जिस पर जग मोहित है,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी।।

तू अति बलशाली है,
माँ अति बलशाली है,
दुष्टों का दमन करती,
तेरी शान निराली है,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी।।

जादू या अजूबा है,
चंद्रघंटा सवारे दुनिया,
जिसने माँ को पूजा है,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी।।

तलवार कमंडल माँ,
घंटे की प्रबल ध्वनि से,
गूंजे भूमंडल माँ,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी।।

भोग दूध शहद भाता,
बस पूजन अर्चन से,
दुःख निकट नहीं आता,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी।।

तेरी पूजा खुशहाली है,
हे मात चंद्रघंटा,
तेरी शान निराली है,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी।।

दुःख ‘अनुज’ का भी हरती,
शरणागत की रक्षा,
‘देवेन्द्र’ सदा करती,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी।।

चन्द्रघंटा माँ से अर्जी मेरी,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी,
मैं दास बनूँ तेरा,
अब जैसे मर्जी तेरी।।

माँ चंद्रघंटा की भक्ति से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है। जो भी सच्चे मन से उनकी अराधना करता है, उसे शक्ति और साहस की प्राप्ति होती है। इस भजन को पढ़ें और करें, और अन्य भक्तिमय भजन जैसे “माँ शेरावाली जग से निराली”, “भक्तों के घर कभी आजा शेरावाली” और “चारों दिशा में मैया जी की हो रही जय जयकार” का भी आनंद लें। माता रानी की कृपा आप सभी पर बनी रहे!

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