भोले शंकर की दुल्हनिया जग की पालन हारी

भोले शंकर की दुल्हनिया जग की पालन हारी भजन माँ पार्वती के दिव्य स्वरूप और उनके विश्व-पालक रूप का गुणगान करता है। माँ पार्वती केवल भोलेनाथ की अर्धांगिनी ही नहीं, बल्कि समस्त सृष्टि की पालनहार भी हैं। भक्त इस भजन के माध्यम से माँ की असीम कृपा और शक्ति का बखान करता है, जिससे जगत का कण-कण आलोकित होता है।

Bhole Shankar Ki Dulhaniya Jag Ki Palan Hari

भोले शंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी,
जग की पालन हारी मैया,
तीन लोक से न्यारी,
भोलेशंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी।1।

ब्रह्मांड देवों से भरा पर,
माँ को कोई ना भाया,
जंगल के वासी शिव जी पर,
मैया का दिल आया,
पलट के रख दी फिर दोनों ने,
पलट के रख दी फिर दोनों ने,
तीन लोक की काया,
तीनों लोक हुए आभारी,
जग की पालन हारी,
भोलेशंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी।2।

जब संकट आया देवों पे,
माँ ने उसे संभाला,
देवों पे आए संकट को,
जग जननी ने टाला,
एक एक दानव भूतल से,
एक एक दानव भूतल से,
माँ ने खोज निकाला,
माँ फिर असुरों को संहारी,
जग की पालन हारी,
भोलेशंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी।3।

शुम्भ निशुम्भ और रक्त बीज को,
माँ ने मार गिराए,
चंड मुंड मधु केटभ माँ के,
क्रोध से बच ना पाए,
अंत हुआ जब महिषासुर का,
अंत हुआ जब महिषासुर का,
सभी देव हर्षाए,
हर्षित हुए डमरू धारी,
जग की पालन हारी,
भोलेशंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी।4।

सारे जग की माँ कहलाती,
हो शिवजी की नारी,
ध्यान किया जिसने माँ तेरा,
दूर हुई लाचारी,
लाज रखो माँ ‘किशन भगत’ की,
लाज रखो माँ ‘किशन भगत’ की,
आया शरण तुम्हारी,
मन की दूर हो सब लाचारी,
जग की पालन हारी,
भोलेशंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी।5।

भोले शंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी,
जग की पालन हारी मैया,
तीन लोक से न्यारी,
भोलेशंकर की दुल्हनिया,
जग की पालन हारी।6।

भोले शंकर की दुल्हनिया भजन हमें माँ पार्वती के दयालु और सशक्त रूप से जोड़ता है, जो भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं। माँ के आशीर्वाद से जीवन संवर जाता है और हर संकट दूर हो जाता है। यदि आप माँ की कृपा का अनुभव करना चाहते हैं, तो “[माँ भवानी जग की रानी तू सती भव भंजनी]” भजन भी जरूर करे, जिसमें माँ की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है। जय माता दी! ????????

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