बता दो हे जगत जननी मेरा उद्धार कैसे हो लिरिक्स

भक्ति की राह पर चलने वाले भक्तों के लिए माता रानी ही एकमात्र आश्रय होती हैं। जब जीवन में अंधकार बढ़ता है, तब केवल माँ की कृपा ही हमें सही राह दिखाती है। बता दो हे जगत जननी मेरा उद्धार कैसे हो भजन में भी यही भाव प्रकट होता है, जहाँ भक्त अपनी व्यथा माँ दुर्गा के चरणों में रखकर उनसे उद्धार की प्रार्थना करता है। यह भजन हमें माँ की असीम कृपा और उनकी करुणा का अनुभव कराता है।

Bata Do Hey Jagat Janani Mera Uddhar Kaise Ho

बता दो हे जगत जननी,
मेरा उद्धार कैसे हो,
बह रहा हूँ अगमधारा,
में बेडा पार कैसे हो।1।

नहीं श्रद्धा नहीं भक्ति,
नहीं विद्या नहीं बुद्धि,
नहीं विद्या नहीं बुद्धि,
तेरे दासों में हे माता,
मेरा शुमार कैसे हो,
बता दो हें जगत जननी,
मेरा उद्धार कैसे हो।2।

मैं जैसा हूँ तुम्हारा हूँ,
भरोसा आपका भारी,
भरोसा आपका भारी,
तो फिर किससे करूँ फरियाद,
मंजिल पार कैसे हो,
बता दो हें जगत जननी,
मेरा उद्धार कैसे हो।3।

बहुत भटका हूँ विषयों में,
कही भी शांति ना पाई,
कही भी शांति ना पाई,
फसा मद मोह माया में,
मेरा निस्तार कैसे हो,
बता दो हें जगत जननी,
मेरा उद्धार कैसे हो।4।

चली अविवेक की आंधी,
नहीं कुछ सूझ पड़ता है,
नहीं कुछ सूझ पड़ता है,
मेरे मानस के मंदिर में,
तेरा दीदार कैसे हो,
बता दो हें जगत जननी,
मेरा उद्धार कैसे हो।5।

सहारा दो महाशक्ति,
मैं पंगु हूँ अति दीना,
मैं पंगु हूँ अति दीना,
बड़ी उलझन में उलझा हूँ,
कहो उद्दार कैसे हो,
बता दो हें जगत जननी,
मेरा उद्धार कैसे हो।6।

यही विनती है सेवक की,
जगत को प्रेममय देखूं,
जगत को प्रेममय देखूं,
करूँ बलिदान स्वारथ का,
ये पर उपकार कैसे हो,
बता दो हें जगत जननी,
मेरा उद्धार कैसे हो।7।

बता दो हे जगत जननी,
मेरा उद्धार कैसे हो,
बह रहा हूँ अगमधारा,
में बेडा पार कैसे हो।8।

माँ दुर्गा केवल हमारी पीड़ा हरने वाली नहीं, बल्कि हमें सन्मार्ग पर चलाने वाली भी हैं। उनका स्मरण करते ही हृदय में एक नई ऊर्जा का संचार होता है और सारे दुख छोटे लगने लगते हैं। यदि आपको यह भजन पसंद आया, तो “माई तू सकल जगत आधार” भजन को भी अवश्य पढ़ें और माँ की महिमा का आनंद लें। जय माता दी! 🙏🔱

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