अखियों में ममता है मुखड़े पे नूर है

“अखियों में ममता है मुखड़े पे नूर है” भजन माँ दुर्गा की दिव्य महिमा और उनके कोमल प्रेम को समर्पित है। माँ की आँखों में ममता की गहराई है और उनके मुखमंडल पर ऐसा तेज है, जो समस्त सृष्टि को प्रकाशित करता है। जब भक्त माँ के चरणों में समर्पित होता है, तो उसे माँ की ममता का अहसास होता है। यह भजन माँ की अनंत करुणा और उनकी अपार शक्ति का प्रतीक है।

Akhiyo Me Mamta Hai Mukhade Pe Nur Hai

अखियों में ममता है,
मुखड़े पे नूर है,
शेरोवाली मैया जग में,
बड़ी मशहूर है,
दिल में दया का,
भंडार भरपूर है,
कष्ट कलेश सब,
करती माँ दूर है,
अपने भक्तों के सर पे,
मैया मेरी हाथ रखती,
लाज रखती ओ मैया,
लाज रखती,
अम्बे रानी मेहरोवाली,
मन की विशाल है,
दुष्टों की बैरन माँ,
संतो की ढाल है,
भक्तो की भक्ति पे,
होती निहाल है,
होके प्रसन्न रखे,
पल पल ख़याल है,
अपने भक्तों के सर पे,
माता मेरी ताज रखती,
लाज रखती ओ मैया,
लाज रखती।1।

देखे ना जात कोई,
देखे औकात ना,
मेरी माँ के दर पे तो,
ऐसी कोई बात ना,
सच्चे मन से जो कोई,
करता आराधना,
करती मंजूर मैया,
उसकी हर प्रार्थना,
माँ मेरी मंगलमय हर एक,
समाज रखती,
लाज रखती ओ मैया,
लाज रखती।2।

आजा माँ के दर पे ‘लख्खा’,
हो जाए कल्याण,
क्या राजा क्या रंक यहाँ पे,
मिलता सबको मान,
जो प्रेम से बोले जय मैया,
जो नेम से बोले जय मैया,
जब आए मुसीबत तुझपे,
कर दे कर कमलों की छैया,
फिर दुनिया में मानियो का,
मान मेरी मात रखती,
लाज रखती ओ मैया,
लाज रखती।3।

अखियों में ममता है,
मुखड़े पे नूर है,
शेरोवाली मैया जग में,
बड़ी मशहूर है,
दिल में दया का,
भंडार भरपूर है,
कष्ट कलेश सब,
करती माँ दूर है,
अपने भक्तों के सर पे,
मैया मेरी हाथ रखती,
लाज रखती ओ मैया,
लाज रखती,
अम्बे रानी मेहरोवाली,
मन की विशाल है,
दुष्टों की बैरन माँ,
संतो की ढाल है,
भक्तो की भक्ति पे,
होती निहाल है,
होके प्रसन्न रखे,
पल पल ख़याल है,
अपने भक्तों के सर पे,
माता मेरी ताज रखती,
लाज रखती ओ मैया,
लाज रखती।4।

“अखियों में ममता है मुखड़े पे नूर है” भजन हमें माँ दुर्गा की अपार ममता और तेजस्विता की झलक दिखाता है। माँ अपने हर भक्त पर कृपा बरसाती हैं और उनके जीवन को सुख-शांति से भर देती हैं। माँ की इसी करुणा का बखान “[शेर पे सवार है मैया आने को तैयार है]” जैसे भजनों में भी मिलता है, जो माँ की कृपा और शक्ति का अनोखा संगम दर्शाते हैं। आइए, हम सभी माँ के चरणों में अपना शीश नवाकर उनकी भक्ति में लीन हों। जय माता दी! ????????

Leave a comment