आ जाओ जगदम्बे माँ | Aa Jao Jagdambe Maa

जब जीवन में दुखों का अंधकार गहरा हो जाता है और हर तरफ निराशा घेर लेती है, तब भक्त की एक ही पुकार होती है – “आ जाओ जगदम्बे माँ”। यह भजन माँ दुर्गा को सच्चे मन से बुलाने का प्रतीक है, जो अपने भक्तों की पुकार कभी अनसुनी नहीं करतीं।इस भजन में भक्त का भावनात्मक संबंध माँ से झलकता है, जो प्रेम और भक्ति से भरा हुआ है।

Aa Jao Jagdambe Maa

जगराते की रात सुहानी,
आ जाओ जगदम्बे माँ,
जगराते की रात सुहानी,
आ जाओं महारानी माँ,
भक्त तुम्हारे राह निहारे,
आके दर्श दिखाओ माँ,
जगराते की रात सुहानी,
आ जाओं महारानी माँ।1।

भगतों ने ऐसी महिमा गाई,
झूमते झूमते माँ चली आई,
मां की बिंदिया मां की पायल,
खूब सजे हैं मां के कंगन,
जगराते की रात सुहानी,
आ जाओं महारानी माँ।2।

शेरों की वो करती सवारी,
लाल चुनरिया मां की प्यारी,
मां की मूरत कितनी न्यारी,
जाऊं मैं तो वांरी वांरी,
जगराते की रात सुहानी,
आ जाओं महारानी माँ।3।

जगराते की रात सुहानी,
आ जाओ जगदम्बे माँ,
जगराते की रात सुहानी,
आ जाओं महारानी माँ,
भक्त तुम्हारे राह निहारे,
आके दर्श दिखाओ माँ,
जगराते की रात सुहानी,
आ जाओं महारानी माँ।4।

“आ जाओ जगदम्बे माँ” भजन माँ के करुणामयी रूप और भक्तों के प्रति उनके अपार प्रेम को दर्शाता है। माँ दुर्गा हर भक्त की पुकार सुनती हैं और अपने आशीर्वाद से उनके जीवन में सुख-समृद्धि लाती हैं। ऐसे ही माँ की महिमा का वर्णन “शेर पे सवार है मैया आने को तैयार है” जैसे भजनों में भी मिलता है, जो माँ की शक्ति और करुणा को उजागर करता है। माँ की भक्ति में लीन रहिए और उनके चरणों में अपना मन समर्पित करिए। जय माता दी! ????????

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