Durga Ji Ke Bhajan | दुर्गा जी के भजन – माँ दुर्गा की भक्ति में संगीत का महत्व

दुर्गा जी के भजन भारतीय भक्ति संगीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, Durga Ji Ke Bhajan माँ दुर्गा की महिमा, उनकी शक्ति और उनके आशीर्वाद की स्तुति करते हैं। भजन के माध्यम से भक्त अपने हृदय में माँ दुर्गा के प्रति आस्था और श्रद्धा को और भी प्रगाढ़ करते हैं, और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। भक्तों के दिलों में माँ दुर्गा के प्रति श्रद्धा और भक्ति को और भी गहरा करने के लिए इन भजनों का बहुत महत्व है।

माँ दुर्गा को शक्ति, साहस और विजय की देवी माना जाता है, और उनके भजन में इन सभी गुणों का गुणगान किया जाता है। इन भजन में दुर्गा चालीसा, दुर्गा स्तोत्रम आदि के दिव्य स्वर शामिल होते है। दुर्गा भजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि ये मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन का भी कारण बनते हैं। हमने आपके लिए नीचे इस भजन को प्रस्तुत किया है, जो इस प्रकार से है-

हे नाम रे, सबसे बड़ा तेरा नाम

काल के पंजे से माता बचाओ, जय माँ अष्ट भवानी,
काल के पंजे से माता बचाओ, जय माँ अष्ट भवानी।
हे नाम रे, सबसे बड़ा तेरा नाम, ओ शेरोंवाली, ऊँचे डेरों वाली,

बिगड़े बना दे मेरे काम, ऐसा कठिन पल, ऐसी घड़ी है,
विपदा आन पड़ी है, तू ही दिखा अब रास्ता,
ये दुनिया रास्ता रोके खड़ी है, मेरा जीवन बना इक संग्राम।

भक्तों को दुष्टों से छुड़ाए, भुजती जोत जगाई
जिसका नहीं है कोई जगत में,तू उसकी बन जाए।
तीनो लोक करे तोहे प्रणाम।

हे, क्या भेट चढ़ाऊं तुझपे, तू प्रसन्न हो जाए,
दुश्मन थर थर काँपे माँ, जब तू गुस्से में आये।

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है-2

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है,
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है…

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है,
ऊँचे पर्वत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है…

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है,
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है…

सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारो का
रास्ता देख रही है माता, अपने आंख के तारों का
मस्त हवाओं का एक झोखा यह संदेशा लाया है…

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है,
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है
जय माता दी.. जय माता दी…

जय माता की कहते जाओ, आने जाने वालो को
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पीछे वालों को
जिस ने जितना दर्द सहा है, उतना चैन भी पाया है…

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है,
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है…
जय माता दी… जय माता दी…

वैष्णो देवी के मन्दिर मे, लोग मुरादे पाते हैं
रोते रोते आते है, हस्ते हस्ते जाते हैं
मैं भी मांग के देखूं, जिस ने जो माँगा वो पाया है…

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है,
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है…
जय माता दी…जय माता दी…

मैं तो भी एक माँ हूँ माता, माँ ही माँ को पहचाने
बेटे का दुःख क्या होता है, और कोई यह क्या जाने
उस का खून मे देखूं कैसे, जिसको दूध पिलाया है…

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है,
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है…

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है,
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है…

दुर्गा है मेरी मां-3

जयकारा… शेरोवाली का
बोलो सांचे दरबार की जय

दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ

बोलो जय माता दी, जय हो
बोलो जय माता दी, जय हो
जो भी दर पे आए, जय हो

वो खाली न जाए, जय हो
सबके काम है करती, जय हो
सबके दुख ये हरती, जय हो

मैया शेरोवाली, जय हो
भरदो झोली खाली, जय हो
मैया शेरोवाली, जय हो
भरदो झोली खाली, जय हो

दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ
मेरी माँ… शेरोवालिये

पूरे करे अरमान जो सारे,
पूरे करे अरमान जो सारे,
देती है वरदान जो सारे
देती है वरदान जो सारे
दुर्गे ज्योतावालिये
देती है वरदान जो सारे
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ

सारे जग को खेल खिलाये
सारे जग को खेल खिलाये
बिछड़ो को जो खूब मिलाये
बिछड़ो को जो खूब मिलाये
दुर्गे…शेरोवालिये
बिछड़ो को जो खूब मिलाये
दुर्गा है मेरी माँ अम्बे है मेरी माँ

दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ
दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ
शेरोवालिये…ज्योतावालिये…
शेरोवालिये…

Durga Ji Ke Bhajan करने की सम्पूर्ण विधि

यदि आप दुर्गा भजन को श्रद्धापूर्वक और सही विधि से करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित विधि का पालन करें-

  1. स्नान: सबसे स्नान करके स्वयं को शुद्ध कर लें और साफ और स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
  2. पूजा स्थल: सबसे पहले, एक शांत और स्वच्छ स्थान पर पूजा करें। पूजा स्थल को साफ रखें और वहां माँ दुर्गा के चित्र या मूर्ति को रखें।
  3. स्थापना: पूजा स्थल पर माता की मूर्ति या चित्र को विधिपूर्वक स्थापित करें। मूर्ति के सामने दीपक, अगरबत्ती और फूल रखें, ताकि वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।
  4. मंत्र जप: भजन शुरू करने से पहले “ॐ दुं दुर्गायै नमः” या “ॐ जय माँ दुर्गा” जैसे सरल मंत्र का जप करें। यह माँ दुर्गा के आशीर्वाद को प्राप्त करने का प्रारंभिक कदम है। एकाग्रता बनाए रखने के लिए गहरी श्वास लें और मन को शांत करें।
  5. भजन: अब आप दुर्गा भजन का पाठ करें। भजन माँ दुर्गा की महिमा, शक्ति और उनके विभिन्न रूपों का उल्लेख करते हैं।
    भजन को गाते समय श्रद्धा और भावनाओं के साथ गाएं। यदि आप भजन समूह में गा रहे हैं, तो सामूहिक रूप से गाने से वातावरण में अधिक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  6. ध्यान और एकाग्रता: भजन गाते समय या सुनते समय, अपने मन को माँ दुर्गा के चरणों में समर्पित करें। ध्यान रखें कि आपका पूरा ध्यान और भावना भजन के हर शब्द में हो।
    यदि आप अकेले भजन गा रहे हैं, तो अपनी आँखें बंद करके ध्यान लगाएं और माँ दुर्गा की उपस्थिति का अनुभव करें।
  7. आरती: भजन के बाद माँ दुर्गा आरती लिरिक्स गायें, जो कि माँ के प्रति श्रद्धा और आभार व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।
  8. प्रसाद अर्पण: भजन समाप्त करने के बाद, माँ दुर्गा को ताजे फूल, फल, मिठाई या अन्य प्रिय भोग अर्पित करें। साथ ही, सभी उपस्थित लोगों को प्रसाद वितरित करें, ताकि सभी को माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त हो।
  9. समाप्ति: अंत में, पूजा स्थल पर दीपक को बुझाकर और जल के छींटे अर्पित करके पूजा समाप्त करें। माँ दुर्गा का धन्यवाद करें और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मन से प्रार्थना करें।
  10. नियमितता: दुर्गा भजन को नियमित रूप से करना आवश्यक है। जब आप इसे हर दिन या खास अवसरों पर करते हैं, तो माँ दुर्गा की कृपा बनी रहती है और जीवन में सफलता, शांति और सुख प्राप्त होता है।

इस प्रकार, दुर्गा भजन का सही विधि से पालन करने से न केवल माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि जीवन में मानसिक शांति, आंतरिक शक्ति और समृद्धि भी आती है।

भजन करने के लाभ

  • मानसिक शांति: यह भजन करने से मानसिक शांति मिलती है। भजन का गायन व्यक्ति के मन को शांत करता है और चिंता, तनाव और मानसिक उथल-पुथल को दूर करता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: माँ दुर्गा की भक्ति में लीन होने से आध्यात्मिक उन्नति होती है। भजन करने से आत्मा की शुद्धि होती है और व्यक्ति अपने आत्मज्ञान के मार्ग पर अग्रसर होता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: दुर्गा भजन से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। यह घर, कार्यस्थल और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।
  • शक्ति और साहस: माँ दुर्गा को शक्ति की देवी माना जाता है। उनके भजन से व्यक्ति में शक्ति और साहस का संचार होता है, जो जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए जरूरी होता है।
  • कष्टों से मुक्ति: दुर्गा भजन के नियमित पाठ से जीवन में आने वाली कठिनाइयों, कष्टों और समस्याओं से मुक्ति मिलती है। माँ दुर्गा की कृपा से व्यक्ति की परेशानियाँ हल हो जाती हैं।
  • धन और समृद्धि: दुर्गा माँ के भजन से माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे घर में धन, सुख और समृद्धि का वास होता है।
  • आध्यात्मिक संतुलन: भजन करने से व्यक्ति को मानसिक संतुलन और आंतरिक शांति मिलती है। यह मानसिक तनाव को कम करता है और आत्मा को शांति प्रदान करता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा: माँ दुर्गा की भक्ति से नकारात्मक शक्तियाँ और दुष्ट प्रभाव दूर होते हैं। यह व्यक्ति को बुरी नजर, शत्रु, और मानसिक दबाव से सुरक्षा प्रदान करता है।
  • सार्थकता: व्यक्ति अपनी दिनचर्या में भक्ति और ध्यान को शामिल कर जीवन को बेहतर दिशा में ले जाता है।
  • समाज में शांति: भजन से न केवल व्यक्ति को लाभ होता है, बल्कि परिवार और समाज में भी शांति और सामंजस्य बढ़ता है। यह सामाजिक संबंधों को मजबूत करता है और प्रेम का माहौल उत्पन्न करता है।

दुर्गा भजन का नियमित रूप से गायन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से लाभकारी होता है, बल्कि यह मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से भी व्यक्ति को सशक्त और प्रेरित करता है।

FAQ

क्या दुर्गा जी के भजन केवल नवरात्रि में गाए जाते हैं?

नहीं, भजन नवरात्रि के अलावा भी नियमित रूप से गाए जा सकते हैं, हालांकि नवरात्रि में इनका विशेष महत्व होता है।

क्या केवल महिलाएं ही दुर्गा भजन गा सकती हैं?

क्या दुर्गा भजन का पाठ एक साथ करना चाहिए या अकेले?

क्या भजन का कोई विशेष समय होता है?

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