30+ Durga Bhajan | दुर्गा भजन: माँ की भक्ति में लीन होने वाले दिव्य गीत

दुर्गा भजन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक अमूल्य हिस्सा है, जो माँ दुर्गा की महिमा, शक्ति और अनंत कृपा को संगीतमय श्रद्धांजलि अर्पित करता है। माँ दुर्गा को शक्ति, साहस और प्रेम की प्रतीक माना जाता है, और उनके भजनों के माध्यम से भक्त उनकी उपस्थिति का अनुभव करते हैं। Durga Bhajan में माँ दुर्गा की कहानी, दुर्गा स्तुति लिरिक्स, और उनके द्वारा दुष्ट शक्तियों के संहार की गाथा का वर्णन होता है।

चाहे वह सुबह के वक्त का आराधना का समय हो या शाम की संध्या आरती, दुर्गा जी के भजन का अपना एक अलग ही प्रभाव होता है। इनके मधुर स्वर, गहरे अर्थ और भक्तिभाव से ओतप्रोत स्वरूप हमारे दिल को छू जाते हैं और हमें एक नई ऊर्जा व सकारात्मकता से भर देते हैं। यहां हमने आपके लिए इन भजनो के लिस्ट को नीचे प्रस्तुत किया है-

Durga Bhajan List

  1. जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
  2. अम्बे तू है जगदंबे काली
  3. मुझे अपने शरण में ले लो माँ
  4. ओ माँ तेरी चौखट पर भिखारी बन के आया हूँ
  5. तेरा दरबार सबसे प्यारा
  6. माँ की चुनरी ओढ़ के आई रे
  7. माता रानी के भजन सुन लो
  8. मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
  9. माँ तुझे सलाम
  10. भवानी दयानी महाकाली
  11. माँ तू सबकी है दाता
  12. शेरों वाली ओ माँ, अब तो आजा
  13. सज रही गौरी मईया, जयकारा लाऊँ मैं
  14. माँ वैष्णो देवी का दरबार बड़ा सुहाना लगता है
  15. माँ तेरी ममता अपार
  16. मैया के दरबार चले, माँ के दर्शन करने
  17. माँ वैष्णो देवी, तेरा दरबार बड़ा निराला है
  18. मेरे घर आईं मां दुर्गा
  19. जय माँ शेरांवाली
  20. माँ का प्यार सबसे न्यारा
  21. चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है
  22. बोलो जय माता दी
  23. माँ तू इतनी कृपा करना
  24. नंगे पाँव चली माँ मेरे आँगन
  25. माँ तेरी कृपा से हर काम हो रहा है
  26. माँ दुर्गा तू मेरी आराध्य देवी
  27. माँ तेरी ममता अमृत की धारा
  28. जोते वाली मैया तेरा शुकर मनाऊँ
  29. माँ दुर्गे देवी, शरणम मम

अगर ये भजन आपके लिए लाभदायक सिद्ध हुए है तो इसके साथ-साथ Durga Chalisa, Durga Maa Song और Durga Devi Aarti का पाठ भी अपने अन्य धार्मिक पाठ में शामिल कर सकते है।

Durga Bhajan करने की विधि

येन भजन माँ दुर्गा की उपासना और उनकी शक्ति, करुणा, और कृपा का अनुभव करने का एक श्रेष्ठ मार्ग है। यहाँ दुर्गा माँ के भजन करने की पूरी विधि दी जा रही है, जिससे आप इसे और भी प्रभावी बना सकते हैं-

  1. स्थान: भजन के लिए एक साफ और शांत स्थान का चयन करें। यह मंदिर, पूजा स्थल या घर का कोई शांत कोना हो सकता है।
  2. स्नान और शुद्धि: पहले स्नान करके और साफ वस्त्र पहनकर खुद को पवित्र करें। पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करके स्थान को भी शुद्ध करें।
  3. स्थापना: पूजा स्थान पर माँ दुर्गा की प्रतिमा, मूर्ति या चित्र स्थापित करें। प्रतिमा के आगे दीपक जलाएं और अगरबत्ती या धूप लगाएं।
  4. आह्वान: माँ दुर्गा का आह्वान करने के लिए “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का उच्चारण करें। यह माँ दुर्गा को भजन में उपस्थित होने का निमंत्रण है।
  5. भजन: अब आप दुर्गा भजन का पाठ कर सकते है। भजन करते समय पूरी श्रद्धा और भाव से माँ दुर्गा का स्मरण करें। ध्यान रखें कि भजन केवल संगीत नहीं है, यह आपके हृदय से माँ दुर्गा के प्रति प्रेम और श्रद्धा व्यक्त करने का माध्यम है।
  6. आरती: भजन के बाद माँ दुर्गा की स्तुति करें और अंत में “दुर्गा आरती” गाएं। आरती करने से पूजा संपन्न मानी जाती है और माँ की कृपा के लिए प्रार्थना की जाती है। आरती के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें और माँ दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करें।
  7. ध्यान और शांति: भजन समाप्त होने के बाद कुछ समय ध्यान करें। माँ दुर्गा के चरणों में ध्यान लगाकर कुछ पल शांत रहें और अपनी मनोकामना माँ को समर्पित करें।

भजन करने के लाभ

ये भजन सुनने के कई लाभ हो सकते हैं, जो मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक दृष्टि जैसे फायदे होते हैं। यहां कुछ मुख्य लाभ दिए गए हैं:

  • सकारात्मकता: भजन सुनने से मन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह देवी दुर्गा के प्रति भक्ति को बढ़ाता है और आंतरिक शांति का अनुभव कराता है।
  • तनाव: भजनों की मधुर ध्वनि और भावपूर्ण शब्द तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं। यह मन को शांत करता है और ध्यान केंद्रित करने में सहायक होता है।
  • आध्यात्मिक ऊर्जा: दुर्गा माँ के भजन सुनने से जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। देवी दुर्गा की आराधना से आत्मिक बल और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • सकारात्मक कंपन: भजन के स्वर और शब्द वायुमंडल में सकारात्मक कंपन फैलाते हैं, जो घर और वातावरण की नकारात्मकता को दूर करने में यह सहायक है।
  • ध्यान: दुर्गा जी के भजन सुनने से ध्यान करने में मदद मिलती है, जिससे मानसिक संतुलन बना रहता है और जीवन में स्थिरता लाता है।
  • धार्मिक जुड़ाव: भजन सुनने से व्यक्ति अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ा महसूस करता है। यह परंपरा और भक्ति की भावना को मजबूत करता है।
  • आरोग्य में सुधार: नियमित रूप से भजन सुनने से मन और शरीर में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। संगीत चिकित्सा के अनुसार, भक्ति संगीत सुनना मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।

भजन न केवल भक्ति का माध्यम है, बल्कि यह जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का साधन भी है। नियमित रूप से भजन सुनने से जीवन में नई ऊर्जा और उमंग का अनुभव होता है।

FAQ

क्या भजन घर पर अकेले किया जा सकता है?

हाँ, भजन को घर पर अकेले भी किया जा सकता है। हालाँकि सामूहिक रूप से भजन करने का विशेष महत्व होता है, लेकिन व्यक्तिगत भजन भी उतना ही प्रभावी होता है।

क्या इन भजन करने से इच्छित मनोकामना पूरी होती है?

इस भजन के कौन-कौन से लोकप्रिय भजन हैं?

भजन करते समय वाद्य यंत्रों का प्रयोग करना चाहिए?

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