तन मन धन से सदा सुखी हो भारत देश हमारा

तन मन धन से सदा सुखी हो भारत देश हमारा गीत इसी पावन भावना को जाग्रत करता है। जब हम इसे पढ़ते या करते हैं, तो हृदय में देशभक्ति की लहर उमड़ पड़ती है और गुरु देव जी का आशीर्वाद हमें सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। आइए, इस गीत के दिव्य शब्दों को आत्मसात करें और अपने राष्ट्र के उत्थान में योगदान दें।

Tan Man Dhan Se Sada Sukhi Ho Bharat Desh Hamara

तन मन धन से सदा सुखी हो,
भारत देश हमारा,
सभी धर्म अरु सभी पंथ पक्ष को।
दिल से रहे पियारा,
विजयी हो विजयी हो,
विजयी हो भारत देश हमारा।।1।।

निर्भय हो यह देश की माता,
मंगल किर्ती कराने,
सत्यशील अरु निर्मल मन से,
वीरो को उपजाने,
सदगुणी हो यह देश की जनता।
जीवन सुख सजवाने,
रंक राव पंडीत भिकारी,
सबको सुख दिलवाने,
विजयी हो विजयी हो,
विजयी हो भारत देश हमारा।।2।।

स्पृश्यास्पृश्य हटे यह सारा,
देश कलंक मिटाने,
सबके मन कर्तव्यशील हो,
धन उधोग बढाने।
सबका हो विश्वास प्रभु पर,
अपनी शक्ति बढाने,
ब्रम्हचर्य अध्यात्म दैविगुण,
घर-घर में प्रगटाने,
सारा भारत रहे सिपाही,
शत्रु को दहशाने।
तुकड्यादास कहे स्फ़ूर्ती हो,
सबको भक्ति कराने,
विजयी हो विजयी हो,
विजयी हो भारत देश हमारा।।3।।

तन मन धन से सदा सुखी हो,
भारत देश हमारा,
सभी धर्म अरु सभी पंथ पक्ष को,
दिल से रहे पियारा।
विजयी हो विजयी हो,
विजयी हो भारत देश हमारा।।4।।

गुरु देव जी के गीतों में ऐसी शक्ति होती है जो हमें सच्चाई, प्रेम और सेवा के मार्ग पर अग्रसर करती है। तन मन धन से सदा सुखी हो भारत देश हमारा गीत के माध्यम से हम न केवल देशभक्ति को महसूस कर सकते हैं, बल्कि गुरु देव जी की कृपा से अपने जीवन को भी धन्य बना सकते हैं। यदि यह गीत आपके हृदय को छू गया हो, तो जिस दिन सोया राष्ट्र जगेगा – संघ एकल गीत, पराक्रमी अध्याय लिखेंगे ले दृढ़ता से ठान जय जय हिन्दुस्तान , मन कहे रूक जा रे रूक जा यह हसीन है जमीं जैसे अन्य गीतों को भी पढ़ें और आध्यात्मिक आनंद प्राप्त करें। 🙏✨

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